एक पत्रकार की हत्या और पुरी दुनिया में बदनाम हो गई सऊदी अरब!

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यूरोपीय संघ ने सऊदी अरब का नाम अपनी आतंकवाद समर्थक देशों की सूची में शामिल कर लिया है। यूरोपीय संघ ने शुक्रवार को सऊदी अरब की की ओर से आतंकवाद की वित्तीय सहायता से संघर्ष और मनी लाॅंड्रिंग में ढिलाई को पूरी तरह स्पष्ट बताया है और उसका नाम आतंकवाद के समर्थक देशों की लिस्ट में शामिल कर लिया है।

पार्स टुडे डॉट कॉम पर छपी खबर के मुताबिक, यूरोपीय संघ ने सऊदी अरब से मांग की है कि वह इस संबंध में ठोस क़दम उठाए। यह पहलीे बार नहीं है जब सऊदी अरब पर आतंकवादी व चरमपंथी गुटों के आर्थिक समर्थन का आरोप लगा हो।

इस देश ने हमेशा अलक़ाएदा और दाइश जैसे आतंकी गुटों का आर्थिक समर्थन किया है। उसने सीरिया व इराक़ से लेकर अनेक देशों में आतंकवादी गुटों की वित्तीय सहायता की है।

इस बीच सऊदी अरब के एक क़ानून विशेषज्ञ ने बताया है कि इस देश में हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं की स्थिति अत्यंत जटिल है और युवराज मुहम्मद बिन सलमान ही सऊदी कार्यकर्ताओं को यातनाएं देने के मास्टर माइंड हैं।

यहया असीरी ने सऊदी अरब में हिरासत में लिए गए लोगों की स्थिति के बारे में अंतराष्ट्रीय संगठनों की रिपोर्टों की ओर संकेत करते हुए कहा है कि खेद के साथ कहना पड़ता है कि सऊदी अधिकारी गिरफ़्तार किए गए लोगों के साथ बहुत अधिक कड़ा व्यवहार कर रहे हैं और उन्हें दी जाने वाली यातनाओं में वृद्धि हो गई है।

उन्होंने इसी तरह कहा कि सऊदी अरब के युवराज मुहम्मद बिन सलमान जिन सुधारों की बात कर रहे हैं उनका कोई अस्तित्व नहीं है और यह केवल प्रोपेगंडा है।