हमसे बातचीत करने से पहले अमेरिका आर्थिक पाबंदी खत्म करे – ईरान

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ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने कहा है कि अमेरिका अगर ईरान से बातचीत चाहता है तो वह 2015 में हुई परमाणु डील को माने और ईरानी लोगों के खिलाफ “आर्थिक आतंकवाद” बंद करे।

ईरान और अमेरिका के बीच तनाव पिछले साल तब बढ़ गया जब राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षा पर लगाम लगाने के लिए की गई अंतरराष्ट्रीय डील से बाहर आने का एकतरफा एलान कर दिया। इसके साथ ही ईरान पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगा दिए गए।

इसके नतीजे में ईरान ने धीरे धीरे नाभिकीय संवर्धन का स्तर बढ़ाना शुरू किया और उसने धमकी दी कि अगर उसे प्रतिबंधों से राहत नहीं मिली तो वह शुरुआती सितंबर में इसे और बढ़ा देगा।

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में इस्लामी जगत में सुरक्षा के मुद्दे पर एक फोरम को संबोधित करते हुए ईरानी विदेश मंत्री ने कहा, अमेरिका ईरानी लोगों के खिलाफ आर्थिक आतंकवाद चला रहा है और जब तक कि वह हम पर युद्ध थोपना और ईरान के लोगों के खिलाफ आर्थिक आतंकवाद को बंद नहीं कर देता तब तक हमारे लिए यह संभव नहीं है कि हम उससे बात करें।

ईरानी विदेश मंत्री ने 2015 के परमाणु डील के संदर्भ में कहा, अगर वो इस कमरे में वापस आना चाहते हैं तो उसका टिकट है जो उन्हें खरीदना होगा और वह टिकट है डील को मानना। जवाद जरीफ ने कहा कि ईरान सिर्फ मुलाकात के लिए मिलना नहीं चाहता। उनका कहना है, अगर कोई नतीजा निकलता है तभी हमें मिलने की जरूरत है।

इसी हफ्ते डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि वह ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी से सही परिस्थितियो में मुलाकात करने को तैयार हैं ताकि परमाणु डील पर चली आ रही तनातनी को खत्म किया जाए।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ईरान की अर्थव्यवस्था को चलाते रहने के लिए दुनिया के देशों से कर्ज का इंतजाम कैसे हो सकता है, इसके लिए बातचीत की जा रही है। ईरानी राष्ट्रपति का कहना है कि वह अमेरिका से तब तक बातचीत नहीं करेंगे जब तक कि सारे प्रतिबंध हटा नहीं लिए जाते।