भारत पर हिंदू वर्चस्ववादी विचारधारा ने कब्जा कर लिया है- इमरान ख़ान

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भारत सरकार के कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा लेने के बाद से पाकिस्तान की रातों की नींद उड़ गई है। वह हर अतंरराष्ट्रीय मंच पर भारत सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने की मांग कर रहा है लेकिन चीन को छोड़कर उसका कोई भी साथ देने को तैयार नहीं है।

उसे हर जगह से निराशा हाथ लगी है। ऐसे में उसकी बौखलाहट और बढ़ गई है। अब भारत की छवि खराब करने के लिए उसने नया पैंतरा चला है। उसका कहना है कि भारत के परमाणु हथियार सुरक्षित हाथों में नहीं हैं।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, इमरान खान ने कई ट्वीट करके अतंरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में दखल देने की मांग की है। उन्होंने यह ट्वीट ऐसे समय पर किए हैं जब दो दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में जम्मू कश्मीर मसले को लेकर उसे मुंह की खानी पड़ी थी।

उसने और चीन ने मिलकर भारत को घेरने की नाकाम कोशिश की। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने अपनी कूटनीति से पाकिस्तान की चाल को असफल कर दिया। इसी कारण वह गुस्से पर ट्विटर पर अपनी बेचैनी दिखा रहा है।

खान का कहना है कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान और क्षेत्र के लिए खतरा पैदा किया है। उसने असम में चल रहे एनआरसी का अप्रत्यक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि भारत सरकार के अंतर्गत अल्पसंख्यक डर में जी रहे हैं।

इमरान ख़ान ने ट्वीट में कहा, भारत पर हिंदू वर्चस्ववादी विचारधारा और नेतृत्व ने उसी तरह कब्जा कर लिया है जैसा कि जर्मनी पर नाजियों ने किया था।

दो सप्ताह से भारत के कब्जे वाले कश्मीर (पाकिस्तान भारत के हिस्से वाले कश्मीर को इसी नाम से बुलाता है) में 90 लाख कश्मीरी घेरेबंदी में डरे हुए हैं। इस खतरे की घंटी के बारे में दुनिया को पता चलना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र को अपने पर्यवेक्षक यहां भेजने चाहिए।

उन्होंने आगे कहा, यह खतरा पाकिस्तान और भारत के अल्पसंख्यकों पर भी है। कोई भी गूगल करके नाजी विचारधारा और जातीय हिंसा और आरएसएस-भाजपा के संस्थापकों के बीच की नरसंहार वाली विचारधारा के बीच की कड़ी को समझ सकता है।

पहले से ही 40 लाख भारतीय मुस्लिमों को निरोध शिविरों और नागरिकता रद्द होने का सामना करना पड़ता है। दुनिया को यह बात समझनी चाहिए कि जिन बोतल से बाहर आ चुका है और वह नफरत और नरसंहार को फैला रहा है। अतंरराष्ट्रीय समुदाय को आकर इसे रोकना चाहिए।

अंत में खान ने कहा, ‘विश्व को फासीवादी, जातिवादी हिंदू वर्चस्ववादी मोदी सरकार के नियंत्रण में मौजूद परमाणु शस्त्रागार की सुरक्षा पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

यह ऐसा मसला है जो न केवल क्षेत्र बल्कि दुनिया को प्रभावित करता है। हिंदू वर्चस्ववादी मोदी सरकार पाकिस्तान के साथ ही भारत में रहने वाले अल्पसंख्यकों और गांधी-नेहरू परिवार के लिए खतरा है।