पुस्तक प्रेमियों के लिए प्रगति मैदान में शनिवार से पुस्तकों के महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले का आगाज हो गया। सप्ताहांत होने के कारण शनिवार को काफी संख्या में पाठक अपनी पसंदीदा पुस्तकें खरीदने मेले में पहुंचे।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मेले का उद्घाटन किया और लोगों से उनकी कमाई का 25 फीसदी हिस्सा कला और संस्कृति पर खर्च करने का आग्रह किया। इस बार मेले की थीम दिव्यांगजनों की पठन आवश्यकताएं रखी गई हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लोगों से कहा कि किताबों में एक खुशबू होती है। टीवी और अखबार प्रचलन के बावजूद पढ़ने की चाहत समाप्त नहीं हुई है।
किताबों से न केवल विचार मिलते हैं बल्कि इससे जीवन भी समृद्ध होता है। समृद्धि केवल पैसे से नहीं आती बल्कि किताबों से भी आती है। देश में पढ़ने की संस्कृति से विचारों का भी आदान प्रदान बढ़ेगा।
27वें विश्व पुस्तक मेले में 20 से अधिक देश भाग ले रहे हैं और 650 प्रकाशकों के 1350 स्टाल लगाए गए हैं। मेले के उद्घाटन के बाद जावडे़कर ने पुस्तक स्टॉल्स का जायजा लिया।
उन्होंने शारजाह के शाह सुल्तान बिन मुहम्मद अल कासिमी की पुस्तक ‘बीबी फातिमा और बादशाह के बेटे’ के हिंदी तथा अंग्रेजी पुस्तकों के संस्करण का लोकार्पण किया तथा ब्रेल लिपि में 250 किताबों की सूची का कैटलॉग तथा कैलेंडर भी जारी किया।
उन्होंने मेले के मुख्य अतिथि शारजाह के राजकीय विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष शेख फहीम बिन सुलतान अल कासिमी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुस्तक एग्जाम वॉरियर की प्रति भेंट की।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि न्यास अब लोक भाषाओं में भी पुस्तकें प्रकाशित कर रहा है और उसने मगही, भोजपुरी तथा गोंड भाषा एवं त्रिपुरा की जनजातीय भाषाओं में भी किताबें प्रकाशित की हैं।
इस मौके पर एनबीटी की निदेशक रीता चौधरी, शारजाह पुस्तक प्राधिकरण के अध्यक्ष अहमद बिन रक्कड़ अल अमेरी, शारजाह के लेखक हबीब योसेफ अब्दुल्लाह अल सईद तथा अखिल भारतीय दृष्टिहीन महासंघ के महासचिव जेएल कोल एवं उच्च शिक्षा सचिव आर सुब्रमण्यम भी मौजूद थे।
साभार- ‘अमर उजाला’