यमन ज़ंग: ईरान देता है सऊदी अरब के खिलाफ़ हवा!

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आले सऊद शासन के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने यमन के जनांदोलन अंसारुल्लाह के नेताओं के पास यमन के कई क़बाएली सरदारों को भेजकर समझौते की गुहार लगाई है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, सऊदी अरब के प्रसिद्ध सोशल मीडिया उपयोगकर्ता एवं राजनैतिक कार्यकर्ता मुजतहिद ने अपने ट्वीटर एकाउंट पर लिखा है कि सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान, यमन के जनांदोलन अंसारुल्लाह से लगातार समझौता करने की कोशिश में लगे हुए हैं।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, उन्होंने लिखा कि बिन सलमान ने यमन के कई क़बाएली नेताओं को अंसारुल्लाह के पास भेजकर समझौते और युद्ध की समाप्ति के लिए कुछ सुझाव भी पेश किए हैं।

मुजतहिद के अनुसार बिन सलमान ने कहा है कि अंसारुल्लाह उत्तरी यमन का नियंत्रण अपने हाथों में ले ले और उसके बदले में दक्षिण यमन का पूरा कंट्रोल उनके हवाले कर दे। उन्होंने इसी तरह कहा कि अंसारुल्लाह, यमन के महरा प्रांत से अरब सागर तक बिछाई जाने वाली सऊदी अरब की तेल पाइप लाइन में भी बाधा न डाले।

उल्लेखनीय है कि मुजतहिद, फ़र्ज़ी नाम से आले सऊद शासन के अंदर की ख़बरें लीक करते रहते हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि उनका संबंध सऊदी अरब के शाही परिवार से है।

इस बीच यमन के अंसारुल्लाह ने बिन सलमान के सभी सुझावों को अस्वीकार करते हुए उनसे कहा कि वह यमन के सभी इलाक़ों से बाहर निकल जाएं और सऊदी अरब द्वारा यमन में मचाई गई तबाही के बदले दसियों अरब डॉलर की क्षतिपूर्ति करें।

दूसरी ओर अंसारुल्लाह से समझौते के लिए सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान की इच्छा ऐसी स्थिति में दिखाई पड़ रही है कि जब यमन युद्ध में उसके सबसे बड़े अरब सहयोगी संयुक्त अरब इमारात ने चार वर्ष तक यमन युद्ध में शामिल रहने के बाद पिछले सप्ताह यह एलान किया था कि वह अब यमन युद्ध की जगह शांति चाहता है, इसलिए यमन में मौजूद यूएई के सभी सैनिक जल्द ही वापस बुलाए जाएंगे।

इससे पहले यूएई ने पश्चिम यमन और ताइज़ प्रांत की अपनी सैन्य छावनियों को सऊदी और सूडानी सैनिकों के हवाले कर दिया। न्यूयॉर्क टाइम्ज़ ने पिछले शुक्रवार को लिखा था कि यमन युद्ध से संयुक्त अरब इमारात के निकलने से सऊदी अरब बहुत निराश हो गया है।