यमन की ज़ंग से निकलने की तैयारी में है सऊदी अरब?

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यमन युद्ध से संयुक्त अरब इमारात के अलग हो जाने के कारण सऊदी अरब, युद्ध व अशांति की दलदल में अकेला पड़ गया है और उसके सामने अत्यंत कड़े विकल्प बाक़ी बचे हैं।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, यमन युद्ध के समीकरण जारी वर्ष के आरंभ से ही बदलने लगे थे अंसारुल्लाह ने सऊदी अरब व इमारात के एयर डिफ़ेंस पर हमले शुरू कर दिए थे। अंसारुल्लाह ने 14 मई 2019 को सऊदी अरब की राष्ट्रीय तेल कंपनी आरामको के पम्पिंग स्टेशन पर ड्रोन हमला करके रियाज़ की नींद उड़ा दी थी।

ऐसा लगता है कि यमनी बलों के हमलों के मुक़ाबले में सऊदी अरब के विकल्प बहुत सीमित हैं। रियाज़ ने इस संबंध में अनेक विकल्प पेश किए लेकिन उनमें से कोई भी प्रभावी सिद्ध नहीं हुआ।

ऐसे समय में संयुक्त अरब इमारात की ओर से यमन युद्ध से निकलने की घोषणा ने सऊदी अरब पर दबाव बहुत बढ़ा दिया है। इमारात, यमन विरोधी गठजोड़ में सऊदी अरब का सबसे अहम घटक था और उसके निकलने के बाद यमनी बलों के हमलों के जवाब में सऊदी अरब को नए विकल्प खोजने होंगे