ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव की एक सौ पचास सीटों के लिए मतगणना हो रही है। अब तक के रुझानों के अनुसार, टीआरएस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन पिछले चुनावों की तुलना में उसे सबसे बड़ा नुकसान भी हुआ है।
नई दुनिया डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, सबसे बड़ा फायदा भाजपा को हुआ है। जो भाजपा पिछले चुनाव में महज 4 सीट पर थी, वो इस बार 30 सीटों पर आगे चल रही है।
"भाग्यनगर" का भाग्योदय प्रारंभ हो रहा है…
हैदराबाद के निकाय चुनावों में भाजपा एवं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व पर अभूतपूर्व विश्वास जताने के लिए "भाग्यनगर" की जनता का कोटि-कोटि धन्यवाद।
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) December 4, 2020
पिछले चुनावों में ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल पर टीआरएस का कब्जा था, जिसके पास 99 थी, वहीं AIMIM के पास 44 सीट थी। कांग्रेस ने 2 तो एक सीट TDP ने जीती थी।
इस तरह हैदराबाद नगर निगम चुनाव की सबसे बड़ी खबर यहां भाजपा का धमाकेदार प्रदर्शन है। भाजपा ने इसके लिए अपनी ताकत झोंक दी थी, लेकिन निर्णायक माना जा रहा है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वो बयान, जिसमें उन्होंने हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने का ऐलान किया था।
रुझानों में भाजपा के दामदार प्रदर्शन के साथ ही चर्चा शुरू हो गई है कि इस जीत में सबसे बड़ी भूमिका योगी आदित्यनाथ की रही है।
योगी आदित्यनाथ ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था, भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या हुआ, इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हुआ, और अब हैदराबाद का नाम भाग्यनगर हो सकता है।
यही नहीं, योगी आदित्यनाथ ने निजाम के बहाने ओवैसी परिवार पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, जो लोग हिंदुस्तान में रहते हैं, वह हिंदुस्तान का नाम शपथ में नहीं लेते। यह घटना दिखाती है कि ओवैसी की पार्टी AIMIM का असली चेहरा क्या है।
अब जानकारों का मानना है कि योगी आदित्यनाथ के ये बयान भाजपा के लिए गेंमचेंजर साबित हुए। क्योंकि भाग्यनगर वाले बयान को देशभर में समर्थन मिला। योग गुरु बाबा रामदेव ने भी इसके पक्ष में बयान दिया था।