पूर्व आईएएस कन्नन गोपीनाथन को पुणे विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में जाने से रोका गया

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जम्मू-कश्मीर के लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन को लेकर इस्तीफा देने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने दावा किया है कि उन्हें सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में जाने से रोका गया. हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इससे इन्कार किया है.

कन्नन गोपीनाथन ने पीटीआई से कहा कि छात्र और पुस्तकालय के अधिकारियों के बीच तीखी बहस और तकरार के बाद पुस्तकालय जाने का विचार छोड़ दिया गया. इसके बाद उन्होंने विश्वविद्यालय की एक कैंटीन में छात्रों से बातचीत की. कुछ दिनों पहले आईएएस से इस्तीफा देने वाले गोपीनाथन ने ट्वीट किया, ‘पुणे विश्वविद्यालय के छात्रों ने मुझे जयकार पुस्तकालय में बुलाया और कहा कि वहां पर बहुत सारे छात्र यूपीएससी की तैयारी करते हैं और वह मुझसे मिलना चाहते हैं. तब पुस्तकालय प्रभारी को अहसास हुआ कि मैं कौन हूं और उन्होंने मुझसे आवेदन देने के लिए कहा.’

विश्वविद्यालय अधिकारियों ने गोपीनाथन के साथ किसी भी तरह के गलत बर्ताव करने से इनकार किया है और कहा कि रिकॉर्ड के लिए आवेदन मांगा गया था. एक अधिकारी ने बताया, ‘पुस्तकालय आने वाले हर किसी शख्स के लिए नियम समान हैं. जो भी पुस्तकालय आता है हम उससे औपचारिक आवेदन लेते हैं. पिछले साल विश्वविद्यालय के पहले कुलपति डॉ एमआर जयकार के रिश्तेदार पुस्तकालय आए थे और उनसे भी आवेदन (फॉर्म) लिया गया था.’