करीब दो तिहाई भारतीयों की चाह, दलाई लामा को मिले भारतरत्न

   

नई दिल्ली, 21 जनवरी । आईएएनएस सी वोटर तिब्बत पोल में दो तिहाई उत्तरदाताओं ने दलाई लामा को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग का समर्थन किया है।

62 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं (62.4 प्रतिशत) ने दलाई लामा को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित करने का समर्थन किया है।

मतदान के अनुसार, 21.7 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया।

आयु समूहों की बात करें तो, 55 से अधिक आयु वर्ग में 73.1 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो दलाई लामा के लिए भारत रत्न का समर्थन करते हैं।

क्षेत्रवार देखें तो, उत्तर भारत में इस बाबत उन्हें सबसे ज्यादा 67.6 प्रतिशत समर्थन मिला है।

दो तिहाई उत्तरदाता दलाई लामा को आधुनिक भारत के एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नेता के रूप में स्वीकार करते हैं। वास्तव में, सैंपल से प्राप्त गुणात्मक प्रतिक्रिया के अनुसार, उनमें से एक बड़ी संख्या में लोग दलाई लामा को एक भारतीय आध्यात्मिक नेता के रूप में मानते हैं, न कि एक विदेशी के रूप में।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि एक तरफ इसे बड़ी उपलब्धि माना जा सकता है, लेकिन दूसरी ओर सर्वेक्षण यह भी संकेत देता है कि चीन के मोर्चे पर आक्रामक नहीं होने से दलाई लामा की तिब्बती ब्रांड पहचान कमजोर हुई है।

भारतीय तिब्बत में मानवाधिकारों के मुद्दे पर चीन के साथ बिगड़ते संबंधों को जोखिम में डालने के लिए तैयार हैं। यह इस सर्वेक्षण की सबसे महत्वपूर्ण खोज है। लगभग दो-तिहाई भारतीय चीन के साथ बिगड़ते रिश्ते की कीमत पर भी तिब्बत के मुद्दे का समर्थन करना चाहते हैं।

लगभग 80 प्रतिशत भारतीय स्वतंत्र तिब्बत का समर्थन करते हैं। इस सर्वेक्षण का अच्छा हिस्सा यह है कि अधिकांश भारतीय इस मुद्दे का समर्थन करेंगे यदि उन्हें पर्याप्त जानकारी दी जाए और वे इसके बारे में सोचना शुरू कर दें। इस जानकारी का बुरा हिस्सा यह है कि उन्हें वास्तव में इस बारे में बताने की आवश्यकता है। इस जानकारी का सबसे बुरा हिस्सा यह है कि कोई भी वास्तव में ऐसा नहीं कर रहा है।

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