डॉक्टर कोटनिस की भावना से चीन-भारत महामारी-रोधी सहयोग करें

   

बीजिंग, 28 अप्रैल । वर्तमान में, भारत महामारी की दूसरी लहर से गंभीर रूप से पीड़ित है। भारत में चिकित्सा आपूर्ति और अस्पतालों में बिस्तरों की भारी कमी है। भारत को अंतर्राष्ट्रीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है। हालांकि, ऐसी परिस्थितियों के बावजूद कुछ लोग किसी तरह की राजनीतिक सोच के अनुसार चीन के साथ महामारी-रोधी सहयोग में बाधा डाल रहे हैं।

इस पर भारत में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कुछ लोगों ने हाल ही में यह बात कही कि हमें डॉक्टर द्वारकानाथ कोटनिस की भावना के मुताबिक चीन के साथ महामारी-रोधी सहयोग करना चाहिए, और भारत को चीन से वैक्सीन और चिकित्सा आपूर्ति की मदद लेनी चाहिए, क्योंकि वायरस सारी दुनिया का दुश्मन है, और महामारी के खिलाफ लड़ाई एक नया अंतर्राष्ट्रीयता वाला अभियान है।

साठ साल से अधिक समय पूर्व चीन के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध के दौरान डॉक्टर कोटनिस ने भारतीय चिकित्सा टीम के साथ उत्तरी चीन तक पहुंचकर चीनी जनता का समर्थन किया, और अंत में अपने जीवन का चीनी जनता के मुक्ति कार्य के लिए बलिदान किया। डॉक्टर कोटनिस की महान नि:स्वार्थ भावना को चीनी लोगों द्वारा सदैव याद किया जाता है, और इन की कहानी भी चीन-भारत आदान-प्रदान के इतिहास में एक शानदार अध्याय भी बन गया है।

डॉक्टर कोटनिस की कहानी को चीन और भारत दोनों की स्कूल पाठ्यपुस्तकों में भी शामिल किया गया है। डॉक्टर कोटनिस की अंतर्राष्ट्रीयता वाली भावना चीन और भारत के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करती रही है। डॉक्टर कोटनिस के स्मरण के लिए चीन और भारत दोनों के चिकित्सा स्वयंसेवा दल यानी डॉक्टर कोटनिस मेडिकल टीम एक-दूसरे के दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में नि:शुल्क सेवाएं करने के लिए जाते रहे हैं।

वर्तमान में, भारत में महामारी की स्थिति एक खतरनाक चरण में पहुंच चुकी है, हर दिन तीन लाख से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं और मौतों की संख्या बार-बार नई ऊंचाई पर पहुंच गई है। उधर टीके, अस्पताल के बिस्तर और चिकित्सा आपूर्ति की कमी बेहद गंभीर स्तर पर पहुंच गई है। भारतीय विशेषज्ञों के मुताबिक और भी खतरनाक बात यही है कि भारत में कुछ टीके इस नए ड्यूल म्यूटेशन वायरस के मुकाबले में बेकार हैं। यदि महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई नियंत्रण से बाहर हो जाती है, तो महामारी की नई लहर अन्य क्षेत्रों में फैल सकती है, और पूरी दुनिया के लिए भी भारी खतरा होगा।

इस संबंध में चीन ने हाल में भारत को सहायता देने की अनेक बार इच्छा व्यक्त की। संवाददाताओं के प्रश्नों का उत्तर देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लीच्येन ने कहा कि चीनी सरकार और जनता महामारी से लड़ने में भारत सरकार और जनता का दृढ़ता से समर्थन करते हैं और हम भारतीय जरूरतों के अनुसार सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं। विश्वास है कि भारतीय जनता जल्द ही महामारी पर काबू पाने में सक्षम होगी।

चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि महामारी की वर्तमान गंभीर स्थिति में, आरोप और संदेह करने से कोई भी फायदा नहीं होगा। आज सबसे महत्वपूर्ण काम है महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सभी प्रभावी उपाय करना। उचित अलगाव उपायों के अलावा, ऑक्सीजन से वेंटिलेटर तक सभी चिकित्सा बुनियादी ढांचे के प्रावधान को सुनिश्चित करना भी आवश्यक है। महामारी से लड़ने के मुद्दे पर, मानव जाति एक ही मोर्चे पर है और वायरस हम सब का दुश्मन है। इसलिए, डॉक्टर कोटनिस की अंतर्राष्ट्रीयता-वादी भावना का अनुसरण करते हुए मतभेदों को अलग रखकर महामारी के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करने से पूरे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को लाभ होगा।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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