तो क्या वरुण गांधी सुल्तानपुर से नहीं लड़ेंगे चुनाव…?

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लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर भाजपा के अंदर तरह-तरह के सियासी समीकरण बन रहे हैं। चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही नेता अपनी सीट के लिए नई नई रणनीति बनाना शुरू कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में हालात ऐसे बन रहे हैं कि वरुण गांधी व मेनका गांधी को अपनी मौजूदा लोकसभा सीटें छोड़नी पड़ सकती हैं। ऐसे में इन्हें किसी दूसरी सीट से चुनाव लड़ना पड़ सकता है।

भाजपा में टिकट बंटवारे को लेकर चल रही तरह-तरह की संभावनाओं के बीच एक ऐसी चर्चा तेज है कि इस बार केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी पीलीभीत की जगह हरियाणा से लोकसभा का चुनाव लड़ सकती हैं। वहीं, उनके बेटे और सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद वरुण गांधी को भी अपना संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर छोड़ना पड़ सकता है।

अगर ऐसा होता है तो वरुण गांधी को एकबार फिर से पीलीभीत का रूख करना पड़ सकता है। वरुण गांधी 2009 में पहली बार पीलीभीत से ही पहली बनकर लोकसभा में गए थे। उसके बाद 2014 में भाजपा ने उन्हें राहुल गांधी को घेरने की रणनीति के तहत सुल्तानपुर से मैदान में उतार दिया था और वह भाजपा के दोबारा सांसद बने थे।

पीलीभीत में चल रहा काम

मीडिया के सूत्रों का कहना है कि पीलीभीत में वरुण गांधी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए एक खास टीम बनाई गयी है और वह टीम खासतौर पर काम कर रही है। टीम के लोग जमीनी स्तर पर काम करते हुए वरुण गांधी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

मेनका जाएंगी हरियाणा

पीलीभीत की सीट वरुण की पसंद बनते ही केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी उत्तर प्रदेश छोड़ना पड़ सकता है और उन्हें पीलीभीत लोकसभा सीट की जगह हरियाणा से लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है। बीजेपी इस बार मेनका गांधी को करनाल या कुरुक्षेत्र से टिकट देने की बात चल रही है।

पार्टी छोड़ने की भी अटकलें

गौरतलब है कि वरुण गांधी की भारतीय जनता पार्टी से खास बन नहीं रही है और पार्टी से अनबन की खबरों से उनके टिकट पर भी सवालिया निशान लगा हुआ है। इसीलिए उनकी तैयारी ‘प्लान-बी’ के रुप में चल रही है और वह गांधी परिवार के लिए सुरक्षित मानी जाने वाली सीट पीलीभीत से चुनाव लड़कर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करेंगे। वैसे यह भी कहा जा रहा है कि जब टिकट का मामला फाइनल नहीं होता तब तक वरुण गांधी भाजपा छोड़ने की गलती नहीं करेंगे, क्योंकि वरुण गांधी भाजपा छोड़ते ही मेनका गांधी का टिकट कटना तय माना जा रहा है।

फिर भी पार्टी के सूत्रों की कहना है कि मेनका गांधी और वरुण गांधी की दावेदारी पर अंतिम फैसला खुद पीएम मोदी और अमित शाह ही करेंगे।