जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट की नेता और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा शेहला रशीद के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. जिसके बाद शेहला रशीद पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि बतौर राजनीतिक कायकर्ता मैंने अपना काम किया. साथ ही ये मामला राजनीति से प्रेरित है. रशीद ने आगे कहा कि कश्मीर और अपने हक के लिए लोगो को सामने आना चाहिए. शेहला ने कहा मैंने ट्वीट में साफ कह दिया था कि ये जानकारी मुझे कश्मीर के लोगों की तरफ से मिली हुई है.
शेहला रशीद ने आगे कहा कि मैं आर्टिकल 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिकाकर्ता भी हूं.मैंने ट्वीट कर लोगों की आवाज उठाई इसलिए मुझे टारगेट किया जा रहा है. शेहला रशीद ने किया ये ट्वीट-
https://twitter.com/Shehla_Rashid/status/1169945764396556289
गौरतलब है कि जेएनयू की पूर्व छात्रा रशीद ने कई ट्वीट कर आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिए जाने के बाद सशस्त्र बलों ने घाटी में आम नागरिकों को ‘‘प्रताड़ित” किया और घरों में “तोड़फोड़” की. रशीद ने 18 अगस्त को एक के बाद एक कई ट्वीट कर आरोप लगाया कि कश्मीर में सशस्त्र बल रात में घरों में घुसे और उनमें “तोड़फोड़” की.
शेहला ने ट्वीट कर यह भी आरोप लगाया था कि चार लोगों को शोपियां में सैन्य शिविर में बुलाया गया और उनसे “पूछताछ की (प्रताड़ित किया).”उन्होंने दावा किया था कि इन लोगों के पास में एक माइक रखा गया था ताकि, “पूरा इलाका उनकी चीख सुन सके और आतंकित हो.”
ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिस में शेहला के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. उनका आरोप था कि शेहला (Shehla Rashid) ने अपने ट्वीट्स के जरिये इंडियन आर्मी पर निराधार आरोप लगाए है. इंटरनेशनल स्तर पर देश की छवि धूमिल करने की कोशिश की है. ऐसे में उसके खिलाफ देशद्रोह और समुदाय के बीच वैमनस्य फैलाने के आरोप में FIR दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए. जिसके बाद तीन सितंबर को शेहला (Shehla Rashid) के खिलाफ अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.