धर्म संसद में मोहन भागवत के भाषण पर हंगामा, लगे नारे

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कुंभ में चल रहे विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद के आखिरी दिन जमकर हंगामा देखने को मिला। दरअसल आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के लिए आंदोलन न करने और सरकार को और वक्त देने के बयान पर साधु-संत गुस्से में आ गए। भागवत के बयान से नाराज साधु-संतों ने जमकर नारेबाजी की। कार्यक्रम के दौरान लोगों ने तारीख बताइए भागवतजी के नारे लगाए। इसके बाद आयोजकों और आम जनता के बीच हाथापाई हुई।

भागवत ने कहा कि हमारी मांग है कि रामजन्मभूमि स्थल पर एक भव्य राम मंदिर बनाया जाए। यह देखना सरकार के लिए है कि वे यह कैसे सुनिश्चित कर पाते हैं।. यदि वे ऐसा करते हैं, तो उन्हें भगवान का आशीर्वाद मिलेगा। हम सहमत हैं कि राम मंदिर पर सरकार की मंशा स्पष्ट है। मंदिर निर्माण शुरू होगा।

मोहन भागवत ने कहा कि मंदिर बनने के साथ-साथ हमें यह भी देखना चाहिए कि मंदिर कौन बनाएगा और मंदिर केवल वोटरों को खुश करने के लिए नहीं बनाएंगे। राजनीतिक उठापटक कुछ भी हो। अगर जनता का मन है कि राम मंदिर बनना चाहिए तो बनकर ही रहेगा। तीन-चार महीने में निर्णय हो गया तो हो गया, वरना चार महीने बाद बनना शुरू हो जाएगा। सरकार ने कोर्ट में जाकर अपनी मंशा साफ कर दी है। इसी दौरान मौजूद लोगों ने भागवत जी तारीख तो इसकी तारीख बताइए का नारा लगाने लगाते दिखे। मामला बढ़ता देख आयोजकों ने लोगों को शांत कराने की कोशिश की।

हिंदू धर्म को ठेस पहुंचाने की चल रही साजिश

बता दें कि बृहस्पतिवार को शुरू हुई इस धर्म संसद में सबरीमाला को लेकर चल रहे संघर्ष पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू समाज को सचेत किया था और कहा था कि हिंदू समाज की भावना को ठेस पहुंचाने के लिए नई नई योजनाएं चल रही हैं।

धर्म संसद में पहले दिन जगद्गुरू रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य जी महाराज, जगद्गुरू रामानुजाचार्य हंसदेवाचार्य जी महाराज, निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव, स्वामी जितेंद्रनाथ, सतपाल महाराज, स्वामी वियोगानंद जी महाराज, नृत्यगोपालदास जी महाराज, अखाड़ों के प्रतिनिधियों सहित 200 से अधिक संत उपस्थित रहे थे।