नक्सलियों ने कोविड के कारण दो शीर्ष नेताओं की मौत की पुष्टि की

   

हैदराबाद, 24 जून । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने गुरुवार को पुष्टि की कि उसके दो शीर्ष नेताओं की मौत कोविड से हुई है।

पुलिस के दावे के एक दिन बाद, भाकपा (माओवादी) ने मीडिया को एक बयान जारी कर तेलंगाना राज्य समिति के सचिव और पार्टी केंद्रीय समिति के सदस्य यापा नारायण उर्फ हरिभूषण और इंद्रावती क्षेत्र समिति के सदस्य सिद्दाबोइना सरक्का उर्फ भरतक्का की मौत की पुष्टि की। दोनों कोविड -19 से पीड़ित थे।

हरिभूषण, जो अस्थमा और ब्रोंकाइटिस से भी पीड़ित था, की 21 जून को मृत्यु हो गई, जबकि भरतक्का की 22 जून को मृत्यु हो गई। नक्सली संगठन ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार कई लोगों की उपस्थिति में किया गया था और उनकी स्मृति में 22 जून को एक बैठक आयोजित की गई थी।

खम्मम जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुनील दत्त ने कहा कि हरिभूषण की 21 जून को हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई थी, जिसकी पुष्टि एक दिन बाद हुई।

एसपी ने कहा कि उन्हें हरिभूषण (50) के पिछले कुछ दिनों से बीमार होने की विश्वसनीय जानकारी थी क्योंकि वह कोविड -19 से संक्रमित था।

हरिभूषण की मौत नक्सलियों के लिए एक बड़ा झटका है। पुलिस ने दावा किया कि तेलंगाना में नक्सलियो ने अपनी मौजूदगी खो दी है।

उसके सिर पर 40 लाख रुपये का इनाम था, वह मोस्ट वांटेड नक्सली नेताओं में से एक था और तेलंगाना में नक्सली प्रभाव को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा था।

माना जाता है कि पड़ोसी छत्तीसगढ़ के बस्तर के जंगल में उसकी मौत हो गई।

पुलिस ने पहले दावा किया था कि कई नक्सली नेता कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।

पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि नक्सली नेता कूकाती वेंकन्ना, शारदा, सोनू, विनोद, नंदू, इदुमा, देवे, मुला देवेंद्र रेड्डी, दामोदर और भद्रू, कोविड और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं।

नक्सली केंद्रीय समिति के नेता नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू और मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ अभय ने पहले बयान जारी कर दावा किया था कि पार्टी में कोई भी कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं था।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि नक्सली पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को हरिभूषण, नंदू, सौबराई और अन्य नेताओं की मौत की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

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