पूर्वोत्तर के राज्यों में भारत बंद का आंशिक असर

   

गुवाहाटी/अगरतला, 26 फरवरी । ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की ओर से शुक्रवार को एक दिवसीय भारत बंद के आह्वान का पूर्वोत्तर के राज्यों में आंशिक असर देखने को मिला।

असम में मुख्य व्यावसायिक केंद्र, गुवाहाटी सहित सभी 34 जिलों में अधिकांश दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले रहे। हालांकि कुछ व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे।

सभी जिलों में वाहनों की आवाजाही सामान्य थी, यहां तक कि बसें भी सीमित संख्या में चल रही थीं। कई व्यापारियों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों ने दावा किया कि उन्हें भारत बंद के आह्वान की जानकारी नहीं थी।

पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी बंद का मिलाजुला असर रहा। यहां तक कि कई व्यावसायिक निकायों ने बंद का समर्थन किया।

ऑल त्रिपुरा मर्चेंट्स एसोसिएशन के महासचिव सुजीत रॉय ने आईएएनएस को बताया कि उनके हजारों सदस्यों ने हड़ताल में भाग नहीं लिया है।

असम चैंबर ऑफ कॉमर्स (एसीसी) के महासचिव सिसिर देव कलिता ने एक बयान में कहा कि हालिया जीएसटी संशोधन सभी व्यावसायिक वर्गों के लिए एक बड़ा खतरा है।

उन्होंने कहा कि अगर इन संशोधनों को लागू किया जाता है तो यह सभी समुदायों के लिए प्रलय का दिन लाएगा।

उन्होंने कहा कि अगर इन सुधारों को लागू किया जाता है, तो ईमानदार जीएसटी भुगतानकर्ताओं को उनकी गलती के बिना दंडित किया जाएगा। जीएसटी के नए प्रावधान मध्यम वर्ग के व्यापारियों को प्रभावित करेंगे। कलिता ने कहा कि इससे व्यवसायियों की कार्यशील पूंजी प्रभावित होगी और समाज में विभाजन पैदा होगा।

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