कोरोना वायरस का असर इंग्लैंड में भी बरकरार है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, वहां पर सबसे ज्यादा भारतीय मूल के लोग कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित हैं।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इस वायरस से प्रभावित जातीय समूह के रूप में सबसे ज्यादा पर वहां पर मौजूद भारतीय मूल के लोग प्रभावित हैं।
इंग्लैंड के अस्पतालों में COVID-19 की मौत के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार यह दावा किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा इंग्लैंड द्वारा इस सप्ताह जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि 13 अप्रैल को अस्पतालों में मरने वाले की संख्या 13,918 रही।
इसमें से 16.2 प्रतिशत काले, एशियाई और अल्पसंख्यक जातीय (BAME) पृष्ठभूमि के थे और भारतीय लोग इसमें कम से कम 3 प्रतिशत रहे।
भारतीय मूल के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा प्रभावित कैरबियन जातीय समूह हैं। कैरिबयन सूमह के 2.9 फीसद लोगों की मौत इस वायरस से हुई। इसके बाद तीसरे नंबर पर पाकिस्तान है, जिसमें 2.1 फीसद पाकिस्तानी मूल के लोगों की मौत हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह डाटा केवल यूके-वाइड COVID-19 परीक्षणों का केवल एक सीमित स्नैपशॉट है, जो ब्रिटिश सरकार द्वारा BAME आबादी के बीच कोरोनो वायरस से मरने वालों की मौत समीक्षा करने के बाद जारी किया गया है।
बता दें इस वक्त चीन के वुहान से फैले कोरोन वायरस से अकेले यूके नहीं जूझ रहा है बल्कि 200 से ज्यादा देश इस वायरस की गिरफ्त में है। अभी तक इस वायरस का कोई भी कारगर इलाज नहीं मिल पाया है।
ऐसे में सिवाय एहतियात बरतने के अलावा दूसरा विकल्प मौजूद नहीं हाै। वैश्विक स्तर पर इस महामारी से अब तक 1 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 20 लाख से ज्यादा लोगों संक्रमित हैं।
ऐसे में इस वायरस से निपटने के लिए प्रत्येक स्तर पर वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। फिलहाल इस वायरस से सबसे अधिक प्राभवित अमेरिका है।