भारतीय खिलाड़ी अभ्यास में फील्डिंग को तवज्जो नहीं दे रहे : कैफ

   

नई दिल्ली, 25 दिसम्बर । अपने समय के बेहतरीन फील्डरों में शुमार रहे मोहम्मद कैफ ने कहा कि भारतीय टीम के खिलाड़ी अभ्यास सत्र में फील्डिंग पर उतना ध्यान नहीं दे रहे हैं जितना बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर दे रहे हैं और यह आस्ट्रेलिया में उनकी परेशानी का कारण है।

भारतीय खिलाड़ियों ने आस्ट्रेलिया दौरे पर तीनों प्रारूपों को मिलाकर अभी तक कुल तकरीबन 20 कैच छोड़ दिए होंगे। इसके अलावा मिसफील्डिंग भी की है।

कैफ ने भारत और आस्ट्रेलिया के बीच शनिवार से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट मैच से पहले शुक्रवार को कहा, हमने कुछ शानदार कैच देखे हैं, लेकिन कोई कहे कि भारतीय फील्डिंग में सुधार हो रहा है तो मैं इस बात को नहीं मानूंगा क्योंकि मैंने बीते पांच-छह महीनों से जो देखा है उसके मुताबिक भारतीय खिलाड़ियों ने काफी खराब फील्डिंग की है। उन्हें काफी सुधार करने की जरूरत है।

भारत के पूर्व खिलाड़ी ने कहा, सख्त लहजे में कहूं तो यह कम अभ्यास का नतीजा है। एक खिलाड़ी को अंतिम-11 में मौका तभी मिलना चाहिए जब वह फील्डिंग के एक स्तर तक पहुंचे। कई सारे कैच छोड़े गए हैं। विराट कोहली ने भी कैच छोड़ा। यह आईपीएल से हो रहा है। खिलाड़ी लॉकडाउन से सीधे आईपीएल में आए। मैं समझ सकता हूं कि थोड़ी परेशानी हो सकती है क्योंकि फील्डिंग का फिटनेस से काफी लेना-देना है। खिलाड़ी चार महीने तक घर में थे। इसलिए यह आसान नहीं था। लेकिन तीन-चार महीने हो चुके हैं और आस्ट्रेलिया में भी यह हो रहा है। यह चिंता का विषय है।

भारत के लिए 125 वनडे और 13 टेस्ट खेलने वाले कैफ ने कहा, अगर आप मैदान पर कड़ी मेहनत करते हो तो शरीर लय में आ जाता है और आंख अपने आप गेंद पर सेट हो जाती है। मैंने जो महसूस किया है कि खिलाड़ी फील्डिंग पर कम ध्यान दे रहे हैं। वह बल्लेबाजी और गेंदबाजी, जिम पर ध्यान दे रहे हैं, लेकिन ग्राउंड पर नहीं जहां असल फील्डिंग होती है। स्लिप फील्डिंग, स्कावायर लेग फील्डिंग, कैचिंग- हर अलग एंगल पर। हर एरिया नई चुनौती लेकर आता है। मुझे लगता है कि खिलाड़ी फील्डिंग प्रैक्टिस पर कम ध्यान दे रहे हैं।

कैफ ने लोकेश राहुल की उस बात को नकार दिया है जिसमें राहुल ने कहा था कि अचानक से लंबे समय बाद दर्शकों के सामने खेलने से फील्डिंग में परेशानी हो रही है। राहुल ने यह बात दूसरे वनडे मैच के बाद कही थी।

कैफ ने कहा, सूरज, चांद, बादल, मौसम, बारिश, कोहरा- जो लोग अच्छे फील्डर बनना चाहते हैं वो इनसे आगे जाते हैं। फील्डिंग एक निवेश है। अगर आप अतिरिक्त काम करेंगे तभी फायदा होगा जैसा आप बल्लेबाजी और गेंदबाजी में करते हो।

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