भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे परीक्षण के लिए 23 हजार स्वयंसेवक बनाए

   

हैदराबाद, 2 जनवरी । भारत बायोटेक ने शनिवार को अपनी कोरोनावायरस वैक्सीन कोवैक्सीन के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण (क्लीनिकल ट्रायल) के लिए 23 हजार स्वयंसेवकों के भर्ती किए जाने की घोषणा की।

भारत बायोटेक देशभर के विभिन्न स्थानों पर नैदानिक परीक्षण के लिए 26 हजार प्रतिभागियों के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ी है।

कोवैक्सीन का तीसरे चरण का मानव नैदानिक परीक्षण 26,000 स्वयंसेवकों के लक्ष्य के साथ नवंबर के मध्य में शुरू हुआ था। हैदराबाद स्थित कंपनी ने कहा कि यह कोविड-19 वैक्सीन के लिए भारत का पहला और एकमात्र तीसरे चरण में प्रभावकारिता अध्ययन है। कंपनी ने इसे अब तक का सबसे बड़ा तीसरे चरण का प्रभावकारिता परीक्षण करार दिया।

भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला ने कहा, हम प्रत्येक स्वयंसेवक को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने इस परीक्षण में भाग लेने के लिए अपना समय दिया। उनकी स्वेच्छाचारिता भावना (वॉलंटियर स्परिट) देश और दुनिया के लिए मनोबल बढ़ाने वाली है। हम सभी प्रमुख जांचकर्ताओं, डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मचारियों और अस्पतालों को उनके सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं।

उन्होंने कहा, हम कोवैक्सीन के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षणों के लिए 26,000 प्रतिभागियों के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में अपनी प्रगति जारी रखे हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति ने शनिवार को भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है।

हालांकि अभी कोवैक्सीन की मंजूरी पर अंतिम निर्णय ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) द्वारा लिया जाना है।

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