‘मॉब लिंचिंग के खिलाफ पत्र लिखने वाले देश के गद्दार, देशद्रोह के तहत हो कार्रवाई’

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अखिल भारत हिंदू महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश के विभिन्न हिस्सों में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जाने वाली हत्या (मॉब लिंचिंग) की घटनाओं के खिलाफ हाल में पत्र लिखने वाली 49 हस्तियों पर देशद्रोह के आरोप में कार्रवाई की मांग की है. महासभा के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री को भेजे गए खून से लिखे 101 पत्रों में कहा है कि ऐसे ‘‘गद्दारों’’ के खिलाफ देशद्रोह के आरोप में कार्रवाई की जानी चाहिए और उन्हें मिले राष्ट्रीय पुरस्कार वापस ले लेने चाहिए.

हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक पाण्डेय ने संवाददाताओं से कहा कि मुसलमानों और दलितों की तथाकथित ‘मॉब लिंचिंग’ का मुद्दा दुनिया में भारत को ‘‘बदनाम’’ करने के लिए ‘‘साजिशन’’ उठाया जा रहा है. पाण्डेय ने कहा कि अल्पसंख्यकों और दलितों की मसीहा बनने की कोशिश कर रही ये बड़ी हस्तियां और मानवाधिकार संगठन उस वक्त खामोश रहते हैं जब कश्मीर घाटी में हिन्दुओं को निशाना बनाया जाता है.

बता दें कि देश में भीड़ हिंसा की बढ़ती संख्या को देख चिंता व्यक्त करते हुए श्याम बेनेगल सहित 49 फिल्मी हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला खत लिखा था, जिसका अभिनेत्री कंगना रनौत और लेखक-गीतकार प्रसून जोशी सहित 62 हस्तियों ने विरोध किया था. वे खुला खत के विरोध में एक काउंटर ओपेन लेटर के साथ आगे आए. इन 62 हस्तियों ने 49 फिल्मी हस्तियों द्वारा प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखे जाने की निंदा की थी.

उधर, एक अन्य संगठन हिन्दू जागरण मंच ने सड़क पर नमाज के साथ-साथ आरती और हनुमान चालीसा के पाठ पर रोक लगाने वाले अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह के निलंबन की मांग करते हुए ऐसा नहीं करने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन की बात कही है. मंच के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह चौहान ने संगठन के महासचिव सुरेन्द्र सिंह भगोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए भी जिलाधिकारी की आलोचना की. मालूम हो कि सड़क पर कोई भी धार्मिक अनुष्ठान करने पर लगी पाबंदी ना हटाने पर जिलाधिकारी को अंजाम भुगतने की धमकी देने के आरोप में भगोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.