यूथ मुक्केबाजी : भारत की स्वर्णिम हैट्रिक, पूनम का स्वर्णिम पंच

   

नई दिल्ली, 22 अप्रैल । भारतीय महिला मुक्केबाज पूनम (57 किग्रा) ने पोलैंड के किल्से में जारी एआईबीए यूथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जीत दर्ज करके स्वर्ण पदक पर कब्जा जमा लिया। टूर्नामेंट में भारत का यह लगातार तीसरा स्वर्ण पदक है।

पूनम ने अपने अजेय रहने के अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड को जारी रखते हुए फाइनल में तीन राउंड के मुकाबले में फ्रांस की स्टील्नी ग्रॉसी को 5-0 से करारी शिकस्त दी।

टूर्नामेंट के नौवें दिन भारत का यह लगातार तीसरा स्वर्ण पदक है। पूनम से पहले, साल 2019 की एशियन यूथ चैंपियन बेबीरोजीसाना चानू (51 किग्रा) और गीतिका (48 किग्रा) ने स्वर्ण पदक जीत लिया।

चानू ने फाइनल में रूस की वेलेरिया लिंकोवा को 5-0 से जबकि गीतिका ने पोलैंड की नतालिया डोमिनिका को एकतरफा अंदाज में 5-0 से शिकस्त देकर स्वर्ण पदक जीता।

20 सदस्यीय भारतीय दल ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए 11 पदक हासिल करके इतिहास रच दिया है। भारत का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 10 पदकों का था, जो उसने 2018 में हंगरी में विश्व युवा चैंपियनशिप में जीता था।

इससे पहले पुरुषों के वर्ग में विश्वामित्र चोंगथोम (49 किग्रा), अंकित नरवाल (64 किग्रा) और विशाल गुप्ता (91 किग्रा) ने सेमीफाइनल में देश के लिए तीन कांस्य पदक जीते।

10 दिवसीय टूनार्मेंट में पुरुष और महिला मुक्केबाज एक साथ भाग ले रहे हैं। इससे पहले, हंगरी में 2018 में पहली बार पुरुषों और महिलाओं की चैंपियनशिप एक साथ खेली थी। टूर्नामेंट में 52 देशों के 414 मुक्केबाजों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

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