राष्ट्रद्रोह केस की मंजूरी देने पर केजरीवाल सरकार का शुक्रिया : कन्हैया

   

राष्ट्रद्रोह केस के लिए मंजूरी दिए जाने पर कन्हैया कुमार ने शुक्रवार (28 फरवरी) को दिल्ली की केजरीवाल सरकार का शुक्रिया अदा किया। इसके साथ ही कन्हैया ने कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए।

एक ट्वीट में कन्हैया ने कहा, “दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद। दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और TV वाली ‘आपकी अदालत’ की जगह क़ानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए। सत्यमेव जयते।”

फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाने की अपनी अपील पर दलील देते हुए कन्हैया कुमार ने कहा, “सेडिशन केस में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरूरत इसलिए है, ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन क़ानून का दुरुपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है।”

इससे पहले, दिल्ली सरकार ने शुक्रवार (28 फरवरी) को राजद्रोह के चार साल पुराने एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और नौ अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को मंजूरी दे दी। इस मामले में आम आदमी पार्टी ने मामले में कार्यवाही अवरुद्ध करने के भाजपा के आरोपों को खारिज कर दिया।

आप विधायक और प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली सरकार के विधि विभाग ने उचित विचार-विमर्श के बाद गृह विभाग को इस मामले में अपनी राय दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने 20 फरवरी को मंजूरी प्रदान की। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस घटनाक्रम का स्वागत करते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने मौजूदा राजनीतिक हालात के मद्देनजर शायद यह मंजूरी दी है। भाजपा लगातार आरोप लगाती आ रही है कि आम आदमी पार्टी सरकार कन्हैया कुमार और अन्य पर अभियोजन की स्वीकृति नहीं देकर मामले में कार्यवाही को अवरुद्ध कर रही है।

हालांकि चड्ढा ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा, ”दिल्ली सरकार ने नीतिगत और सैद्धांतिक तौर पर ऐसे किसी मामले में हस्तक्षेप नहीं किया और ना करती है। हमारी सरकार ने पिछले पांच साल में किसी मामले में अभियोजन नहीं रोका है।” उन्होंने इसे पूरी तरह प्रक्रियागत विषय बताते हुए कहा कि प्रत्येक मामले के गुण-दोषों पर न्यायपालिका को ही फैसला करना चाहिए। चड्ढा ने कहा, ”सरकार ऐसे मामलों के गुण-दोषों पर फैसला नहीं करतीं।” उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने किसी मामले में अभियोजन को नहीं रोका है जिनमें उसके खुद के विधायकों और पार्टी नेताओं से जुड़ा मामला भी है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 19 फरवरी को कहा था कि वह संबंधित विभाग से कन्हैया तथा अन्य पर राजद्रोह के मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर त्वरित फैसला लेने को कहेंगे। पुलिस ने 2016 के इस मामले में कुमार और जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत अन्य के खिलाफ 14 जनवरी को आरोपपत्र दाखिल किया था। पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने नौ फरवरी, 2016 को जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान जुलूस निकाला और वहां कथित रूप से लगाए गए देश-विरोधी नारों का समर्थन किया था।