नई दिल्ली, 17 जनवरी । प्रथम श्रेणी में पिछले आठ सीजन के 62 मैचों में शार्दूल ठाकुर ने केवल छह अर्धशतक लगाए थे। उनका सातवां अर्धशतक ऐसे में समय में निकला, जब ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर आस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी चौथे और अंतिम टेस्ट में टीम इंडिया की नैया डूबती जा रही थी। ठाकुर ने अपने केवल दूसरे ही टेस्ट में ऐसी पारी खेली, जिसकी चारों ओर प्रशंसा हो रही है।
ठाकुर ने चौथे टेस्ट की पहली पारी में शानदार गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट झटके और जब बल्लेबाजी में बारी आई तो उन्होंने 115 गेंदों पर 67 रनों की ऐसी पारी खेली, जिसके दम पर भारत ने आस्ट्रेलिया को बड़ी बढ़त लेने से रोक दिया।
मुंबई में ठाकुर को उनके स्कूल के दिनों में प्रशिक्षण देने वाले दिनेश लाड ने आईएएनएस से कहा, कई सारे प्रथम श्रेणी मैच और इंडिया-ए के लिए खेलने से उन्हें फायदा हुआ है। उनका आत्मविश्वास बढ़ा है और जब आप प्रथम श्रेणी से टेस्ट क्रिकेट में छलांग लगाते हैं, तो आगे बढ़ने की आपकी इच्छा होती है।
ठाकुर मुंबई से तीन घंटे की दूरी पालघर में रहते हैं। दूरी के कारण अपने शुरुआती दिनों में वह लाड के घर पर रुकते थे। वह उसी स्कूल में पढ़े बढ़े हैं, जिस स्कूल में सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और लाडक के बेटे पढ़े थे।
उन्होंने कहा, यह उनका स्वभाविक बल्लेबाजी करने की शैली है। जब मैंने उन्हें पहली बार स्कूल मैच में खेलते हुए देखा था तो उन्होंने 78 रन बनाने के अलावा पांच विकेट भी लिए थे। वह उनकी आक्रामक पारी थी। लेकिन ब्रिस्बेन में खेली गई उनकी पारी में मुझे धैर्य देखने को मिला। आमतौर पर वह आक्रामक बल्लेबाजी करते हैं।
29 वर्षीय ठाकुर ने खुद कहा कि बल्लेबाजी के लिए उनके पास प्रतिभा है और नेटस पर इसपर काम कर रहे हैं।
ठाकुर ने कहा, मेरे पास बल्लेबाजी के लिए कुछ प्रतिभा है। नेट्स में, मैं सिर्फ गेंदबाजी नहीं करता, लेकिन जब भी हमारे पास टीम के साथ उपलब्ध विशेषज्ञ होते हैं, तो मैं बल्लेबाजी का अभ्यास करता हूं। ये पल वे हैं जिनके लिए हम इंतजार करते हैं। इसलिए जब यह मौका आया, तो मेरे दिमाग में एक बात आई, बस बल्लेबाजी। मुझे लगा कि मैं जितनी देर पिच पर रहूंगा, मुझे उतने ही रन मिलेंगे और लीड कम होगी। विकेट पर समय बिताना था अच्छा आइडिया था।
ठाकुर ब्रिस्बेन में पिछली बार 2016 में इंडिया-ए के लिए खेले थे।
आईएएनएस द्वारा आस्ट्रेलिया में अपने अनुभव के बारे में पूछे जाने पर ठाकुर ने कहा, 2016 में हमने काफी सारे चार दिवसीय अभ्यास मैच खेले थे। हालांकि पिच अलग है। लेकिन आप कम से कम वहां की परिस्थितियों का इस्तेमाल तो कर ही सकते हैं। जब आप आस्ट्रेलिया की परिस्थितियों का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इससे मदद मिलती है। लेकिन यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि जब आप सीनियर टीम के साथ खेलते हैं तो आप अपने प्लान को किस तरह से लागू करते हैं।
ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर ने यहां के गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में आस्ट्रेलिया के साथ जारी चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के तीसरे दिन रविवार को सातवें विकेट के लिए 123 रनों की साझेदारी करके आस्ट्रेलिया को बड़ी बढ़त लेने से रोक दिया।
ठाकुर (67) और सुंदर (62) के बीच सातवें विकेट के लिए हुई शतकीय और बहुमूल्य साझेदारी के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम ने यहां अपनी पहली पारी में 336 रन का स्कोर बनाया।
ठाकुर ने 115 गेंदों पर नौ चौके और दो छक्के लगाए। सुंदर ने 144 गेंदों पर सात चौके और एक छक्का लगाया।
Disclaimer: This story is auto-generated from IANS service.