समय से पहले गोवा, महाराष्ट्र, तेलंगाना और ओडिशा पहुंचा मानसून

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मुंबई। अनुमान के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून ने तय समय से एक हफ्ते पहले ही महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगाना और ओडिशा में दस्तक दे दी है। गुरुवार को इन राज्यों में जमकर बारिश हुई है और बारिश का ये सिलसिला अगले 48 घंटों तक यूं ही जारी रहेगा, भारतीय मौसम विभाग ने पहले ही इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था, आईएमडी ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि महाराष्ट्र और ओडिशा के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने आशंका है जिसके चलते पश्चिम घाट के इलाकों में जमकर भूस्खलन हो सकता है।

तो वहीं मौसम विभाग का अनुमान है कि यह शनिवार यानी कि 13 जून को झारखंड-बिहार में दस्तक देगा को वहीं 15-16 जून को यह पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर सकता है। मौसम विभाग ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण मानसून की प्रगति अच्छी है। गुरुवार को मानसून मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, कर्नाटक, रायलसीमा, कोस्टल आंध्र प्रदेश होते हुए ओडिशा एवं छत्तीसगढ़ के दक्षिणी हिस्सों में छा गया है।

केरल-कर्नाटक और तमिलनाडु में सक्रिय मानसून

मानसून अभी केरल-कर्नाटक और तमिलनाडु में सक्रिय है, जिसकी वजह से इन राज्यों में बारिश का सिलसिला जारी है, तो वहीं देश के कई राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली-एनसीआर के अलावा अन्य राज्यों में भी प्री-मानसून एक्टिविटीज शुरू हो गई हैं , मानसून के असर के चलते अगले कुछ घंटों में दिल्ली-एनसीआर, यूपी, बिहार और झारखंड के कई जिलों में आंधी-तूफान आने के आसार है।

दिल्ली में हो सकती है बारिश

मालूम हो कि कल दिल्ली में अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, विभाग ने आज शाम को 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने के साथ तेज बारिश का अनुमान लगाया है, अधिकारी ने बताया कि 15 जून तक राजधानी में लू नहीं चलने की उम्मीद है।

जानिए आखिर ‘मानसून’ कहते किसे हैं?

मानसून मूलतः हिंद महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग ब्रिटिश भारत में (वर्तमान भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश) एवं पड़ोसी देशों के संदर्भ में किया गया था। ये बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिये प्रयोग हुआ था, जो दक्षिण-पश्चिम से चलकर इस क्षेत्र में भारी वर्षाएं लाती थीं। हाइड्रोलोजी में मानसून का व्यापक अर्थ है- कोई भी ऐसी पवन जो किसी क्षेत्र में किसी ऋतु-विशेष में ही अधिकांश वर्षा कराती है।