लॉकडाउन: 1600 फीट गहरी घाटी में फंसे चार मजदूरों को बचाया गया!

,

   

देश में लॉकडाउन किए हुए पांच हफ्ते बीत चुके हैं। इस बीच अब भी विस्थापित मजदूरों के घर लौटने का सिलसिला जारी है। ऐसे ही चार मजदूर जब महाराष्ट्र से अपने यूपी स्थित घर की ओर लौट रहे थे उसी दौरान ऐसा वाकया हुआ जिससे उनकी जान पर बन आई।

 

नई दुुनिया पर छपी खबर के अनुसार, गनीमत रही की सही वक्त पर पुलिस को जानकारी मिली और चारों मजदूरों की जान बच सकी। दरअसल, महाराष्ट्र के भिवंडी में काम करने वाले ये चारों मजदूर वापस अपने घरों के लिए यूपी लौट रहे थे।

 

चारों ने 1700 किलोमीटर की यात्रा पैदल करने की ठानी थी। सफर के दौरान ठाणे-नासिक बॉर्डर पर जब मजदूरों ने पुलिस का चेकिंग पाइंट देखा तो उससे बचने के लिए 1600 फीट गहरी घाटी से गुजरने का निर्णय लिया, लेकिन मजदूरों का यही फैसला उनकी जान पर बन आया।

 

चारों मजदूरों की पहचान नरेंद्र चौधरी, भुपाल निसार, राजेश कौल और फूलवंत रावत के तौर पर हुई है। चारों एक वेयरहाउस में सामान ढ़ोने का काम करते हैं।

 

उन्होंने मुंबई-आगरा हाईवे से घर पहुंचने का फैसला किया। ठाणे-नासिक बॉर्डर पर जब रात 10 बजे के करीब चारों पहुचे तो पुलिस चेकिंग देखकर घबरा गए और पुलिस को बायपास करने के लिए 1600 फीट गहरी घाटी में उतर गए।

 

उन्हें अंदाजा नहीं था कि घाटी इतनी गहरी और अंधेरी होगी। नीचे उतरने के बाद जब वह थोड़ा आगे बढ़े तो उन्हें महसूस हुआ कि वे इसमें फंस गए हैं।

 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गहरी घाटी में रात के वक्त उन्हें तीन फीट दूर का भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। एक जगह वह कुछ वक्त रुके लेकिन उन्हें सांप, बिच्छू का डर सताने लगा। इस बीच एक मजदूर ने समझदारी दिखाते हुए 100 नंबर पर कॉल कर दिया। इसके बाद स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी मिली।

 

पुलिस की एक टीम क्षेत्रीय ग्रामीणों को लेकर पहुंची और घाटी के नीचे उतरी। इस दौरान पुलिस ने मजदूरों से उनके गूगल लोकेशन को ऑन करने और उसे शेयर करने का कहा।

 

जैसे तैसे पुलिस सुबह 6 बजे मजदूरों तक पहुंच सकी और उन्हें बचाया जा सका। रेस्क्यू टीम ने चारों मजदूरों को इगतपुरी पुलिस को सुपुर्द कर दिया है।