माफी मांगना अंतरात्मा की अवमानना होगी- प्रशांत भूषण

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सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना मामले में दोषी वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटमेंट दाखिल कर माफी मांगने से इनकार कर दिया है। 

 

प्रशांत भूषण ने कहा कि वह अदालत का बहुत सम्मान करते हैं लेकिन माफी मांगना अंतरात्मा की अवमानना होगी। सुप्रीम कोर्ट भूषण को सजा पर कल सुनवाई करेगा। यह मामला भूषण के 2020 में किए दो ट्वीट से जुड़ा हुआ है।

 

 

गुरुवार को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त माफीनामा दाखिल करने के लिए आज तक का समय दिया था।

 

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में आदेश में लिखा था कि “हमने अवमानना के दोषी को बिना शर्त माफी मांगने के लिए समय दिया है। वह चाहे तो 24 अगस्त तक ऐसा कर सकता है। अगर माफीनामा जमा होता है, तो उस पर 25 अगस्त को विचार किया जाएगा।

 

गुरुवार को सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में महात्मा गांधी के बयान का हवाला देते हुए कहा था कि न मुझे दया चाहिए, न मैं इसकी मांग कर रहा हूं। मैं कोई उदारता भी नहीं चाह रहा हूं, कोर्ट जो भी सजा देगी मैं उसे सहर्ष लेने को तैयार हूं।

 

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से वकील प्रशांत भूषण को अदालत की अवमानना के लिए सजा न देने का आग्रह किया। कोर्ट कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भूषण को दोषी ठहराया है, लेकिन सजा न दें।

 

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि मेरे पास सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की सूची है, जिन्होंने कहा था कि लोकतंत्र खतरे में है, जो भूषण ने भी कहा है।

 

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि मेरे पास 9 जजों की सूची है जिन्होंने कहा था कि न्यायपालिका के उच्चतर स्तर में भ्रष्टाचार है. यह मैंने खुद 1987 में कहा था, जिसपर जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि हम अभी मेरिट पर आपको नहीं सुन रहे हैं।

 

गुरुवार को सुनवाई में अटॉर्नी जनरल की दलील से पहले सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना का दोषी करार दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर होने तक भूषण की सजा पर बहस टालने की मांग ठुकरा दी।

 

इसके बाद दोषी वकील प्रशांत भूषण की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दलीलें रखी गई।

 

 

प्रशांत भूषण ने महात्मा गांधी के बयान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि न मुझे दया चाहिए न मैं इसकी मांग कर रहा हूं। मैं कोई उदारता भी नहीं चाह रहा हूं, कोर्ट जो भी सजा देगी मैं उसे सहर्ष लेने को तैयार हूं।

 

वकील ने दलील दी कि दोषी ठहराने के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करनी है, इसके लिए 30 दिन के समय का प्रावधान है।

 

वकील ने कहा कि कोई आसमान नहीं टूट जाएगा अगर कोर्ट प्रशांत भूषण की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई का इंतजार कर लेगा।

 

प्रशांत भूषण के वकील कहा कि उनकी पुनर्विचार याचिका जजों की कोई और बेंच भी सुन सकती है, कोई जरूरी नहीं है कि जस्टिस अरुण मिश्रा की यही बेंच ही सुनवाई करे।

 

जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि सजा पर बहस होने दीजिए। सजा सुनाए जाने के बाद हम तत्काल सजा लागू नहीं करेंगे। हम पुनर्विचार याचिका पर फैसले का इंतजार कर लेंगे। हमें लगता है कि आप मेरी बेंच को अवॉयड करना चाहते हैं।

 

साभार- ज़ी न्यूज़