केंद्र सरकार ने इस बार दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे किसान आंदोलन को ध्यान में रखते हुए पेट्रोल-डीजल पर कृषि सेस लगा दिया है।
नवोदय टाइम्स पर छपी खबर के अनुसार, हालांकि इसका नुकसान ग्राहकों को न होकर कंपनियों को झेलना पड़ेगा, सरकार इस पैसे को इस्तेमाल किसानों के फायदे के लिए करेगी।
ऐसा लग रहा है कि सरकार कोरोना के समय में पेट्रोल-डीजल पर मुनाफा कमाने वाली कंपनियों से अब वसूली कर रही है।
सरकार ने ऐलान किया है कि प्रतिलीटर पेट्रोल पर 2.50 और डीजल पर प्रतिलीटर 4 रुपए का कृषि सेस लगाने की व्यवस्था की है।
इसके अलावा सरकार ने मौलिक उत्पाद शुल्क (BED) और विशेष उत्पाद शुल्क (SAED) कम कर दिया है। जिससे इसका वजन आम लोगों पर नहीं पढ़ेगा।
अब इस नियम के बाद अनब्रान्डेड पेट्रोल के दाम 1.4 रुपए से 1.8 रुपए तक बीईडी लगेगा। वहीं इसके अलावा अनब्रांडेड पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: 11 रुपए से 8 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है।
दरअसल कृषि कानूनों को लेकर देश में जो माहौल देश में बना हुआ है, उसे देखते हुए सरकार द्वारा किसानों के लिए कृषि ऋण की लिमिट को बढ़ाने का फैसला काफी अहम माना जा रहा है।
बता दें कि ये पहली बार नहीं है, हर बार बजट में सरकार कृषि लोन के टारगेट को बढ़ाती है।इसके अलावा वित्त मंत्री ने बजट के 6 स्तंभों के बारे में बताया। उन्होंने कहा 2021-22 का बजट 6 स्तंभों पर टिका है।
जिसमें पहला स्तंभ स्वास्थ्य और कल्याण और वहीं दूसरा भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, तीसरा अकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, 5वां-नवाचार और अनुसंधान और विकास, 6वां स्तंभ-न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन है।