चीन की सेना ने पहली बार माना कि गलवान घाटी में सैनिक मारे गए!

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चीन की सेना पीएलए ने पहली बार माना है कि जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ हुई हिंसक मुठभेड़ में उसके पांच सैनिक मारे गए थे।

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, सवाल उठ रहे हैं कि क्या चीन अपनी क्षति को कम कर के बता रहा है।

पीएलए के मुखपत्र ‘पीएलए डेली’ में शुक्रवार 19 फरवरी को छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि चेन के केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) ने गलवान मुठभेड़ में पांच चीनी सिपाहियों और अधिकारियों के त्याग को माना है।

मरने वालों में पीएलए शिंकियांग सैन्य कमांड के रेजिमेंटल कमांडर भी शामिल हैं। सीएमसी पीएलए की उच्च कमांड संस्था है।

उसने शहीद रेजिमेंटल कमांडर को सीमा की रक्षा करने वाले हीरो रेजिमेंटल कमांडर की उपाधि दी है और तीन और सैन्य अधिकारियों को ‘फर्स्ट-क्लास मेरिट’ दिया है।

रिपोर्ट में ही कहा गया है कि यह पहली बार है जब चीन ने मुठभेड़ में हुई क्षति को स्वीकारा है और सैनिकों के त्याग के बारे में विस्तार से बताया है।

इसके पहले 10 फरवरी को रूस की सरकारी समाचार एजेंसी टीएएसएस ने दावा किया था कि गलवान मुठभेड़ में चीन के 45 सैनिक मारे गए थे।

भारतीय सेना के उत्तरी कमांड के जनरल अफसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने 17 फरवरी को कई मीडिया संस्थानों को दिए साक्षात्कार में भी यही कहा था कि चीन के 45 सैनिक मारे गए थे।