किसान आन्दोलनकारीयों की कैसी होगी होली?

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किसान आन्दोलन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 111 दिनों से जारी है। इस बीच, किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर होली की तैयारियां कर रहे है।

हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, अन्य त्योहारों की तरह होली का त्योहार भी किसान दिल्ली की सीमाओं पर मनाएंगे। जिसके लिए तैयारियां जोरो शोरो से चल रही है।

किसानों ने कहा है कि बीते डेढ़ महीने से बॉर्डर पर ही उन्होंने अपने सभी त्यौहार मनाए हैं। इसी प्रकार होली भी यहीं मनाई जाएगी। इसके तहत सभी तैयारी की जा रही है।

किसान संगठनों ने कहा कि केंद्र को काले कानूनों को वापिस लेना ही होगा। वरना हम यहां से वापिस नहीं जाएंगे।

भारतीय किसान यूनियन (युवा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी गौरव टिकैत ने बताया कि इस बार देश की सबसे बड़ी ऐतिहासिक होली गाजीपुर बॉर्डर पर मनाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर होलिका दहन मनाया जाएगा। साथ ही 17 मार्च को बॉर्डर पर महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।

यह पंचायत प्रति माह मुजफ्फरनगर के सिसौली गांव में आयोजित होती है, जो कि चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के द्वारा बुलाई जाती थी। वह पंचायत इस बार यहां गाजीपुर बॉर्डर पर होने जा रही है।

किसान आंदोलन की आगे की रणनीतियां इस पंचायत में ही बनाई जाएगी। बीते कुछ दिनों से बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढ़ रही है। हर गांव से किसानों से धरना स्थल पर आने का आह्वान किया जा रहा है।

23 मार्च को शहीदी दिवस मनाने के लिए युवाओं को बुलाया जा रहा है। 21 से 23 मार्च के बीच पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के अलावा देश के दूसरे राज्यों में भी युवा सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। युवाओं को दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन में शामिल होने के लिये प्रेरित किया जाएगा।