अयोध्या मस्जिद की बुनियाद 26 जनवरी को रखी जा सकती है!

, , ,

   

सोहावल ब्लॉक के धन्नीपुर गांव में प्रस्तावित मस्जिद का मानचित्र तैयार कर लिया गया है। शनिवार को इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन अयोध्या मास्क ट्रस्ट (आईआईसीएफ) इस मानचित्र का अनावरण करेगा।

उम्मीद के मुताबिक यदि ट्रस्ट ने यह मानचित्र स्वीकृत किया, तब निर्माण की स्वीकृति के लिए यह मानचित्र प्रार्थनापत्र के साथ अयोध्या विकास प्राधिकरण में प्रस्तुत किया जायेगा।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, ट्रस्ट की इच्छा आगामी गणतंत्र दिवस के अवसर पर मस्जिद का संगे बुनियाद रखने की है।

सचिव अख्तर हुसैन के अनुसार विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत होने में कुछ अधिक वक्त लग सकता है, पर यदि गणतंत्र दिवस के पूर्व ऐसा हुआ, तो हमारे लिए गणतंत्र दिवस के दिन मस्जिद के शिलान्यास का बेहतरीन अवसर होगा।

क्योंकि इस दिन हमारा संविधान सात दशक पहले लागू हुआ था। हमारा संविधान बहुलतावाद पर आधारित है, जो हमारी मस्जिद परियोजना का केंद्र है। मस्जिद के लिए धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ भूमि आवंटित की गयी है।

प्रस्तावित मानचित्र के अनुसार इस परिसर में मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल, सामुदायिक रसोईघर और पुस्तकालय का निर्माण किया जायेगा। इन प्रकल्पों के अलावा प्रस्तावित मस्जिद का मुख्य आगार गोलाकार होगा और इसमें एक साथ दो हजार नमाजियों के बैठने की व्यवस्था होगी।

मस्जिद के निर्माण में सुलेख और इस्लामिक प्रतीकों का भी बखूबी संयोजन होगा। इस परियोजना के मुख्य वास्तुकार प्रोफेसर एस अख्तर हैं और उन्हीं के मार्गदर्शन में मानचित्र को अंतिम रूप दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नौ नवंबर को अयोध्या में रामजन्मभूमि पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था और केंद्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ का भूखंड अन्यत्र आवंटित करने का निर्देश दिया था।

स्थापित होगा मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल- प्रस्तावित मस्जिद के परिसर में अस्पताल की स्थापना अहम होगी। यह इस्लाम की भावना का प्रतिनिधित्व करेगा।

आइआइसीएफ के सचिव के अनुसार मानवता की सेवा पैगंबर के उपदेश का सार भी है और मस्जिद परिसर में अस्पताल इसी भावना के अनुरूप निर्मित किया जा रहा है।

यह तीन सौ बेड का होगा, जहां डॉक्टर मिशनरीज की तरह मुफ्त में अपनी सेवा प्रदान करेंगे। अस्पताल को मानव संसाधन प्रदान करने के लिए नर्सिंग और पैरामेडिक कॉलेज की स्थापना भी संभावित है।

अस्पताल में फैजाबाद के स्थानीय संसाधनों से डॉक्टरों का प्रबंधन किया जा सकता है और महत्वपूर्ण सर्जरी के संदर्भ में ट्रस्ट अपने स्तर से प्रमुख सरकारी और निजी संस्थानों के चिकित्सकों की सेवा सुनिश्चित करायेगा।

अस्पताल के लिए कॉरपोरेट फंडिग की उम्मीद की जा रही है। ट्रस्ट के सचिव के अनुसार ऐसे कई दानदाता हैं, जो 80 जी की मंजूरी मिलने पर योगदान करने को तैयार हैं।

इसके बाद हम एफसीआरए के लिए जायेंगे और भारतीय मूल के मुसलमानों से विदेशी फंड मांगेंगे।