यमन, लीबिया और सूडान के विवादों में यूएई की भूमिका पर उठा सवाल!

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जर्मनी ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ अपने कारोबारी संबंध बढ़ाने वाले नए समझौते किए हैं। लेकिन विपक्षी दल यमन, लीबिया और सूडान के विवादों में यूएई की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं।

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने इस बात पर सहमति जताई कि दोनों देश मिलकर आतंकवाद से लड़ेंगे। साथ ही यमन में जारी युद्ध को समाप्त करने की दिशा में भी साथ मिलकर काम करेंगे।

जर्मनी की यात्रा पर आए यूएई के क्राउन प्रिंस ने बुधवार को जर्मनी के साथ 46 सूत्रीय समझौते पर दस्तखत किए। अधिकतर समझौते कारोबार और युद्ध ग्रस्त यमन में शांति से जुड़े हैं।

अबु धाबी के क्राउन प्रिंस ने कहा कि पिछले 15 सालों में यूएई और जर्मनी के बीच कारोबार तीन अरब डॉलर से बढ़कर 14 अरब डॉलर तक पहुंच गया है और इसके आगे भी बढ़ने की उम्मीद है। अल नाहयान ने कहा, “हम रिश्तों को मजबूत करना चाहते हैं और जर्मनी और अमीरात के बीच एक पुल बनाना चाहते हैं।

जर्मन चांसलर ने कहा कि यूएई के साथ हुए समझौते यमन पर राजनीतिक नतीजे से भी जुड़े हैं। साथ ही उन्होंने यह भी माना कि पिछले साल स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में शुरू हुई शांति प्रक्रिया में अब भी कुछ खास नहीं हुआ है।

साल 2015 से सऊदी अरब, यूएई समेत अन्य अरब देशों के साथ मिलकर यमन सरकार को सहयोग और समर्थन दे रहा है। यमन सरकार, ईरान से सहयोग पा रहे हूथी विद्रोहियों से मुकाबला कर रही है। हालांकि ईरान ऐसे किसी भी समर्थन से इनकार से करता है।