पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधी अदालत ने 26/11 मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद को आतंकी फंडिंग से जुड़े दो मामलों में बयान दर्ज कराने के लिए समन जारी किया है।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, अभी कल ही टेरर फंडिंग मामले में हाफिज सईद और उसके साथियों के खिलाफ राजस्व अधिकारियों समेत छह लोगों ने अदालत में गवाही दी थी। अभियोजन पक्ष ने अदालत में इन लोगों को गवाह के तौर पर पेश किया था।
A #Pakistan anti-terrorism court (#ATC) has summoned #HafizSaeed, the leader of the banned Jamaat-ud-Dawa (#JuD) who mastermind of the 26/11 #Mumbai terror attack, to record his closing statements on Friday in two terror financing cases against him.
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— IANS (@ians_india) January 10, 2020
राजस्व अधिकारियों ने अदालत में ऐसे दस्तावेज भी दाखिल किए हैं जिनसे उनकी गवाही की पुष्टि होती है। रिपोर्टों में कहा गया है कि पेश किए गए दस्तावेज सईद के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा के केंद्रों, सहयोगी संगठनों और लाहौर की मस्जिदों से संबंधित हैं।
लाहौर की आतंकवाद निरोधी अदालत ने बीते 11 दिसंबर को जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद और उसके नजदीकी हाफिज अब्दुल सलाम, मुहम्मद अशरफ और जफर इकबाल के खिलाफ आतंकी संगठनों को धन मुहैया कराने के मामले में आरोप तय किए थे।
गौरतलब है कि जेडीयू (जमात-उद-दावा) लीडरशिप इन दिनों टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के दो दर्जन से अधिक मामलों का सामना कर रही है जो पांच अलग अलग शहरों में दर्ज हैं।
रिपोर्टों के मुताबिक, जमात-उद-दावा वह संगठन है जो आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए धन का इंतजाम करता था। इसकी भूमिका को लेकर पाकिस्तान एफएटीएफ और अमेरिका के निशाने पर रहा है।
लश्कर ने ही 2008 के मुंबई हमले को अंजाम दिया था जिसमें छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए थे। लश्कर ने भारत में दर्जनों आतंकी हमले किए हैं।