हिंदू महासभा ने ग्वालियर में नाथूराम गोडसे पुस्तकालय खोला

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अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने ग्वालियर में एक लाइब्रेरी की शुरुआत की।

इंडिया डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इस लाइब्रेरी यानी ज्ञानशाला का नाम महात्मा गांधी के हत्यारे नाथू राम गोडसे के नाम पर रखा गया है।

इस लाइब्रेरी का नाम नाथूराम गोडसे ज्ञानशाला रखा गया है। हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने कहा कि लाइब्रेरी के जरिए युवा पीढ़ी देश के बंटवारे के विभिन्न पहलुओं के बारे में जान पाएगी।

इसके जरिए वह देश के अन्य नेताओं को बारे में भी समझ पाएगी। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि युवा पीढ़ी सच्चाई के बारे में जानें और वे राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेवारी को समझे।

हमने इस लाइब्रेरी को इसलिए खोला है ताकि युवा पीढ़ी यह समझ सके कि गोडसे ने क्यों देश के बंटवारे का विरोध किया और क्यों उसने इसके विरोध में कदम उठाए।

भारद्वाज ने कहा कि अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने देश की आजादी के लिए कई बलिदान दिए थे। जबकि कांग्रेस पार्टी ने नेहरू और जिन्ना को प्रधानमंत्री बनाने के लिए देश का बंटवारा कर दिया।

हिंदू महासभा ने इसका विरोध किया था। हिंदू महासभा में ग्वालियर में अपने भवन में गोडसे ज्ञानशाला की शुरुआत की है।

उन्होंने कहा कि गोडसे ने ग्वालियर में ट्रेनिंग ली थी। वहीं से पिस्तौल खरीदी थी।

इसके बाद उसने दिल्ली जाकर अपनी योजना को मूर्त रूप दिया। पहली कोशिश में वह सफल नहीं हो पाया था। जब गांधी जी गोडसे से मिले… तो उसने उनसे बदला लेने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी की।

तब हमने कहा था कि आपने देश का बंटवारा किया और आपको इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा। यह कोई मायने नहीं रखता कि आप कितने बड़े नेता हैं। हम गोडसे के कृत्य के साथ खड़े हैं।