इस मुस्लिम देश से बिगड़ सकते हैं भारत के रिश्ते, वजह पाकिस्तान?

   

कश्मीर मामले पर भारत चाहता है कि तुर्की सरकार जमीनी हकीकत को समझने के बाद ही कोई टिप्पणी करे

आर्टिकल 370 लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। पांच अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से यह आर्टिकल हटाकर उसके विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था। इसके बाद से ही जम्मू कश्मीर एक बार फिर पूरी दुनिया की नजरों में आ गया।

भारत के इस कदम से सबसे ज्यादा चिढ़ पाकिस्तान को लगी। पाकिस्तान को यह नागवार गुजारा और तब से ही वह इसका लगातार विरोध कर रहा है। हालांकि उसे इस मुद्दे पर करारी मात मिली है और इक्का-दुक्का देशों को छोडक़र कोई उसके साथ नहीं आया।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में आम सभा की बैठक में कहा कि कश्मीरी जनता के हक की लड़ाई में पाकिस्तान उनके साथ है। वहां उसे मलेशिया और तुर्की का भी साथ मिल गया। अब भारत ने इन दोनों देशों को जवाब दिया है। इसके अलावा मुंबई हमले के गुनहगार आतंकवादी हाफिज सईद के लिए पॉकेटमनी की इजाजत मांगने पर सख्त प्रतिक्रिया दी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर मामले पर भारत चाहता है कि तुर्की सरकार जमीनी हकीकत को समझने के बाद ही कोई टिप्पणी करे। यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक विषय है और किसी भी देश को बयान देने से पहले पूरे मामले को समझना जरूरी है।

साथ ही विदेश मंत्रालय ने मलेशिया को नसीहत देते हुए कहा कि विलय पत्र के जरिए दूसरी रियासतों की जैसे कश्मीर का भारत में विलय हुआ। पाकिस्तान ने भारत के उस हिस्से पर आक्रमण किया और कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया।

मलेशिया को यह समझना जरूरी है कि दो देशों के बीच मित्रवत रिश्ते का क्या मतलब होता है और इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए।

रवीश से जब पूछा गया कि इमरान ने कहा कि वो पाकिस्तानी नागरिकों से नियंत्रण रेखा (एलओसी) की तरफ जाने की वकालत कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि इमरान ने यूएनजीए में भी ऐसे भडक़ाऊ और गैर जिम्मेदाराना बयान दिए थे।

लगता है कि इमरान को यह पता नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय रिश्तों को किस तरह से निभाया जाता है। सबसे गंभीर बात यह है कि इमरान ने अपनी जनता से भारत के खिलाफ जिहाद की अपील की जो कि सामान्य बात नहीं है। हाफिज सईद के लिए सहायता राशि के लिए गुहार लगाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह पड़ोसी देश के दोहरे चरित्र को दिखाता है।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अनुरोध किया था कि सईद के परिवार के मासिक खर्चे के लिए उसे बैंक खाते को इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान के अनुरोध पर जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को उसके बैंक खाते को इस्तेमाल करने की इजाजत भी दे दी।