फलस्‍तीनीयों के मकानों को गिराकर इजरायल अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है!

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इस्लामी क्रांति के विरष्ठ नेता ने फ़िलिस्तीन के मुद्दे को इस्लामी जगत का सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण मुद्दा बताया है। आयतु्ल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने फ़िलिस्तीनी गुटों के कड़े प्रतिरोध की प्रशंसा करते हुए कहा कि बिना प्रतिरोध के सफलता हाथ नहीं आती। उन्होंने कहा कि ईश्वरीय वचन के आधार पर हमें पूरा विश्वास है कि फ़िलिस्तीन का मामला, फ़िलिस्तीनियों के हित में ही समाप्त होगा।

फ़िलिस्तीनी राष्ट्र अबतक षडयंत्रों के मुक़ाबले में प्रतिरोध करता आया है। फ़िलिस्तीनी भी इस वास्तविकता को समझ चुके हैं कि ज़ायोनियों से मुक्ति का एकमात्र मार्ग, प्रतिरोध को जारी रखना है।

सोमवार को फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के एक उच्च पदस्थ शिष्टमंडल ने तेहरान में इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात की। इस भेंट में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ईरान से शत्रुता का एक मुख्य कारण, तेहरान की ओर से फ़िलिस्तीनियों का खुला समर्थन है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, उन्होंने कहा कि लाख दबाव के बावजूद ईरान, फ़िलिस्तीन के मामले में कोई समझौता नहीं करेगा। वरिष्ठ नेता का कहना था कि फ़िलिस्तीनी राष्ट्र का समर्थन वास्तव में आस्था का मुद्दा है।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने डील आफ सेंचुरी नामक षडयंत्र की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस षडयंत्र का लक्ष्य, फ़िलिस्तीनियों की पहचान को समाप्त करना है।

उन्होंने कहा कि इस षडयंत्र को प्रतिरोध के माध्यम से आरंभ में ही कुचल देना चाहिए। वरिष्ठ नेता ने कहा कि कहीं एसा न हो कि फ़िलिस्तीनियों की पहचान को पैसों के माध्यम से समाप्त कर दिया जाए।

इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सऊदी अरब जैसे कुछ देशों द्वारा फ़िलिस्तीन के विषय पर अमरीका का पिछलग्गू बनना मूर्खतापूर्ण क़दम है। उन्होंने एक वास्तविकता की ओर संकेत करते हुए कहा कि 40 साल पहले किसी को विश्वास नही था कि उस ईरान में, जो उस समय अमरीका के प्रभाव का केन्द्र था, एक धार्मिक सरकार का गठन होगा और तेहरान में इस्राईल का दूतावास, फ़िलिस्तीन के दूतावास में परिवर्तित हो जाएगा।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि हालांकि एसा ही हुआ। आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि इससे यह निश्कर्ष निकाला जा सकता है कि बहुत सी वे चीज़ें जो देखने में असंभव लगती हैं उनको संभव बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि हम सब अपने दायित्वों का उचित ढंग से निर्वाह करें तो ईश्वरीय वादा निश्चित रूप से पूरा होगा।