इजराइल में राजनीतिक संकट, सरकार नहीं बना फिर भी..?

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अरब समुदायों पर घातक हिंसा के विरोध में ‘अरब-जूइश ज्वाइंट लिस्ट’ के 13 नवनिर्वाचित सांसद समारोह में शामिल नहीं हुए। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, इजराइल के सबसे बड़े अल्पसंख्यक कम से कम 70 अरब 2019 की शुरुआत से मारे गए हैं

इजरायल के सांसदों ने एक नई सरकार के गठन के बिना नई संसद या कनेसेट की शपथ ली। गौरतलब है कि देश में हुए संसदीय चुनावों में सरकार गठन के लिए आवश्यक बहुमत किसी पार्टी को नहीं मिलने के बाद राजनीतिक गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, गुरुवार दोपहर को शपथ समारोह इजरायल के 22वें कनेसेट के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित किया गया।

इस समारोह की शुरुआत इजराइली राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन द्वारा कनेसेट के नव-निर्वाचित 120 सदस्यों को संबोधित करने के साथ हुई। उन्होंने दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी और मध्यमार्गी ब्लू और व्हाइट पार्टी से आग्रह किया कि वे चुनावों के बाद मिलकर सरकार बनाएं, जिसका अर्थ है कि दोनों पक्षों ने सरकार बनाने के लिए पर्याप्त वोट नहीं जीते हैं।

अरब समुदायों पर घातक हिंसा के विरोध में ‘अरब-जूइश ज्वाइंट लिस्ट’ के 13 नवनिर्वाचित सांसद समारोह में शामिल नहीं हुए। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, इजराइल के सबसे बड़े अल्पसंख्यक कम से कम 70 अरब 2019 की शुरुआत से मारे गए हैं। पांच महीने में 17 सितंबर को हुए चुनाव में इजरायली जनता ने दूसरी बार वोट डाला।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, इजराइल के पूर्व सैन्य प्रमुख बेनी गैंट्ज और उनकी ब्लू और व्हाइट पार्टी ने 33 सीटें जीती है, जबकि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड ने 32 सीटें जीती है।

नई सरकार बनाने की कोशिशें हो रही हैं, जबकि भ्रष्टाचार मामले में नेतन्याहू कानूनी संघर्षों में उलझे हुए हैं, जिससे सत्ता में उनकी लंबे समय से चली आ रही पकड़ खत्म होने का खतरा है।