जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) विवाद को लेकर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने वाइस चांसलर को अपने पद से हट जाने की बात कही है। उन्होंने इसको लेकर एक ट्वीट किया है जिसमें लिखा है कि, VC को पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
— Murli Manohar Joshi (@drmmjoshibjp) January 9, 2020
पूर्व PM अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में मानव संशाधन विकास मंत्री रहे मुरली मनोहर जोशी ने अपने ट्वीट में कहा है कि, “इस तरह की रिपोर्ट्स हैं कि HRD मंत्रालय ने दो बार JNU के वाइस चांसलर को JNU में फीस वृद्धि के मुद्दे को सुलझाने के लिए एक जायज वर्किंग फार्मूला लागू करने के लिए 2 बार कहा था। उसे (वाइस चांसलर) को छात्रों और अध्यापकों से मिलकर बात करने की सलाह भी दी गई थी।”
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा है कि, “यह खौफनाक है कि वाइस चांसलर ने सरकार के आदेश को लागू नहीं करने का हठ अपनाया। यह नजरिया निंदनीय है और मेरी राय में ऐसे वाइस चांसलर को पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।”
बता दें कि इससे पहले मानव संसाधन विकास सचिव अमित खरे ने कहा कि जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाना समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि शुल्क लागू नहीं किए जाने के छात्रों के दावे को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय शुक्रवार को फिर से जेएनयू कुलपति से बात करेगा।
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