स्वेज नहर में फंसे जहाज को सुरक्षित निकाला गया!

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दुनिया के सबसे व्यस्त कारोबारी मार्ग मिस्र की स्वेज नहर में बीते मंगलवार यानी 23 मार्च को चीन से माल लेकर आ रहे एक विशाल मालवाहक जहाज एवरग्रीन के फंस जाने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, हालांकि, अब जानकारी मिली है कि इस जहाज को छह दिन बाद सोमवार सुबह 04:30 बजे सुरक्षित निकाल लिया गया हौ और अब यह धीरे-धीरे अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ रहा है।

गौरतलब है कि बीते मंगलवार को इस मार्ग पर सौ से ज्यादा जहाज जाम में फंसे गए थे। इस जहाज को 25 भारतीय चला रहे हैं।

सभी भारतीय चालक पूरी तरह से सुरक्षित बताए गए हैं। इससे हर घंटे 2800 करोड़ रुपये का नुक्सान हुआ।

विशेषज्ञों की ओर से कहा गया था कि जाम खोलने में पांच से सात दिन का समय लग सकता है। तब तक एशिया और यूरोप के बीच ज्यादातर ट्रेड प्रभावित हुए।

जानकारी के अनुसार इस विशाल मालवाहक जहाज एवर गिवेन पर पनामा का झंडा लगा हुआ है।

193.3 किलोमीटर लंबी स्वेज नहर भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है।

मंगलवार सुबह स्वेज पोर्ट के उत्तर में नहर को पार करने के दौरान कंट्रोल खोने से यह जहाज स्वेज नहर में फंस गया। इसे निकालने के लिए बड़े पैमाने पर टग बोट्स (जहाजों को धक्का देने वाली ताकतवर बोट) को तैनात किया गया।

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो एवर गिवेन नामक इस जहाज के चालक दल ने बताया कि स्वेज नहर को पार करते समय आए हवा के एक तेज बवंडर के कारण उनका शिप घूम गया।

बाद में जब उसे सीधा करने का प्रयास किया, तो जहाज ने नहर की चौड़ाई में घूमकर पूरे ट्रैफिक को ही बंद कर दिया। इस जहाज के पीछे एक और मालवाहक जहाज द मेर्सक डेनवर भी फंस गया।

इतना ही नहीं, एवर गिवेन शिप के फंसने से लाल सागर और भूमध्य सागर के किनारों पर बड़ी संख्या में जहाजों का जाम लगा गया।

इसी नहर के रास्ते हर दिन हजारों की संख्या में छोटे बड़े शिप यूरोप से एशिया और एशिया से यूरोप का सफर करते हैं। लंबे समय तक इस रास्ते के बंद रहने से कुछ समुद्री जहाजों को पूरे अफ्रीका महाद्वीप का चक्कर लगाते हुए यूरोप तक जाना पड़ा।

ऐसे में अधिक समय लगने के साथ-साथ इसमें अधिक खर्च भी हुआ। इससे दुनिया भर की सप्लाई चेन पर भी असर पड़ा।