यूपी के हाथरस जिले के चंदपा कोतवाली इलाके के एक गांव की युवती से सामूहिक दुष्कर्म और मौत के मामले में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने हाथरस के डीएम को हटाने की मांग की है।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, रविवार को एक ट्वीट में मायावती ने कहा कि गैंगरेप कांड के पीड़ित परिवार ने जिले के डीएम पर धमकाने आदि के कई गंभीर आरोप लगाए हैं। फिर भी यूपी सरकार की रहस्मय चुप्पी दुःखद व अति-चिन्ताजनक है।
हाथरस गैंगरेप काण्ड के पीड़ित परिवार ने जिले के डीएम पर धमकाने आदि के कई गंभीर आरोप लगाए हैं, फिर भी यूपी सरकार की रहस्मय चुप्पी दुःखद व अति-चिन्ताजनक। हालाँकि सरकार CBI जाँच हेतु राजी हुई है, किन्तु उस डीएम के वहाँ रहते इस मामले की निष्पक्ष जाँच कैसे होे सकती है? लोग आशंकित।
— Mayawati (@Mayawati) October 4, 2020
मायावती ने कहा है कि सरकार सीबीआई जांच के लिए राजी हुई है लेकिन मौजूदा डीएम के तैनात रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है? इस बात को लेकर लोग आशंकित हैं।
2. साथ ही, देश के माननीय राष्ट्रपति यू.पी. से आते हैं व एक दलित होने के नाते भी इस प्रकरण में ख़ासकर सरकार के अमानवीय रवैये को ध्यान में रखकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिये दखल देने की भी उनसे पुरज़ोर अपील। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) October 3, 2020
गौरतलब है कि बिटिया के भाई ने पुलिस और प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है।
भाई का कहना है कि दो दिन परिवार नजरबंद रहा। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने सारे सबूत नष्ट कर दिए हैं। साथ ही जिलाधिकारी की ओर से धमकी भी दी जा रही है कि बार-बार बयान मत बदलो।
मृतका के भाई ने मीडिया को बताया कि पिछले तीन दिनों से हम पुलिस के साये में थे। स्थिति ऐसी रही कि हमें खाने-पीने की भी बहुत दिक्कत हो रही थी।
पुलिस प्रशासन ने बहन का चेहरा तक नहीं देखने दिया। जब बहन का अंतिम संस्कार हुआ तो पूरा पुलिस प्रशासन मौजूद था। पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है।
पुलिस प्रशासन ने सभी सबूतों को नष्ट कर दिया है। अब पुलिस कह रही है कि पोस्टमार्टम में सामान्य रिपोर्ट आई है, हड्डी टूटी नहीं तो इसे क्या समझा जाए। पुलिस ने पिछले दो दिनों में मोबाइल फोन को बंद करा दिया गया और नंबरों को टेप किया जा रहा है।
परिजनों का यह भी कहना है कि आरोपी पक्ष जो आरोप लगा रहा है कि हमने उन्हें झूठा फंसाया है, यह गलत है।
अगर फंसाया जा रहा है तो फिर हमारी बहन को किसने मार दिया। हमने एसआईटी टीम को सबकुछ हकीकत बता दी है।
बिटिया के अंतिम संस्कार के तीन बाद परिजनों ने देर शाम अस्थियां एकत्रित कीं। सुबह परिजनों का यह कहना कि जब उन्हें यह मालूम ही नहीं कि शव किसका है तो वह अस्थियां क्यों एकत्रित करें।
लेकिन देर शाम परिजनों ने अस्थियां एकत्रित कर लीं। बिटिया के भाई का कहना था कि जब तक दोषियों को फांसी नहीं होगी, वह अस्थियों का विसर्जन नहीं करेगा।