नेपाल के राष्ट्रपति ने संसद को किया भंग!

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नेपाल की सियासत ने नई करवट ली है। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद को भंग करते हुए मध्यावधि चुनाव का एलान किया है।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, चुनाव 12 और 19 नवंबर को होंगे। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने शेर बहादुर देउबा और केपी शर्मा ओली दोनों के सरकार बनाने के दावे को खारिज कर दिया।


149 सांसदों की हस्ताक्षर सहित कांग्रेस सभापति शेर बहादुर देउवाको प्रधानमंत्री बनाने के लिए पत्र लेकर पहुंचे विपक्षी गठबंधन के नेताओं को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने कहा था कि वह इस विषय में कानून भी देखेंगी।

माओवादी केंद्र के प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ के अनुसार राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भी बहुमत का दावा करने के लिए आए थे। इस विषय में कानून देखा जाएगा।

विपक्षी गठबंधन ने कहा कि ओली ने सांसदों की हस्ताक्षर प्रस्तुत नहीं किया है इसलिए उनके दावे का कोई अर्थ नहीं है । विपक्षी गठबंधन देउबा को प्रधानमंत्री बनाने केलिए हस्ताक्षर सहित के पत्र राष्ट्रपति कार्यालय में रजिस्टर किया था।


नेपाल के विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को पद से हटाने और मौजूदा राजनीतिक संकट को सुलझाने के लिए एक बैठक में आगे की रणनीति तय की थी।

विपक्षी दल ने शुक्रवार को राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी से मिलकर गठबंधन के नेता शेरबहादुर देउबा के नेतृत्व में नई सरकार का गठन करने के लिए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को शक्ति परीक्षण का मौका देने के प्रति अनिच्छा जताई थी।