अब सरकार को NPR अपडेट करने की क्या जरूरत आन पड़ी है?- ओवैसी

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एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NPR) के अपडेट को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी पर सवाल उठाए हैं। ओवैसी ने कहा कि यूपीए की सरकार में एनपीआर हुआ था, अब सरकार को इसे अपडेट करने की क्या जरूरत आन पड़ी है।

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि यूपीए और मोदी सरकार के एनपीआर में अंतर है, मोदी सरकार एनपीआर को आधार से जोड़ने की बात क्यों कह रही है। ओवैसी ने नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के बाद अब एनपीआर को भी एनआरसी से जोड़ दिया है।

ओवैसी ने मंगलवार को हैदराबाद में एनपीआर को लेकर मीडिया से खास चर्चा की है। अपने बयान में ओवैसी ने कहा, संसद में मेरा नाम लेकर अमित शाह ने कहा था की एनआरसी आएगा।

गृह मंत्री (MHA) को सच बोलना चाहिए। नागरिका संशोधन एक्ट के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में उत्तर प्रदेश में हुई 18 लोगों की मौत को लेकर ओवैसी ने सवाल उठाए हैं। ओवैसी ने मांग की है कि यूपी में 18 लोगों की मौत की जांच होनी चाहिए।

अपने बयान में साफतौर पर गृहमंत्री ने कहा कि एनपीआर जनसंख्या का रजिस्टर है, जिसके आधार पर देश की अलग-अलग योजनाओं का आकार बनता है। एनआरसी में लोगों से प्रूफ मांगा जाता है कि वह किस आधार पर देश के नागरिक हैं।

एनआरसी और एनपीआर को आपस में कोई लेनदेन नहीं है और ना ही दोनों किसी एक प्रक्रिया में प्रयोग हो सकता है। एनआरसी को लेकर गृह मंत्री ने कहा कि पीएम ने जो रविवार को कहा है वो सही कहा है। इसपर अभी कोई विचार नहीं किया गया है। अगर एनआरसी करना होगा तो कोई चोरी-छिपे थोड़े ही ना किया जाएगा।