वैक्सीन पॉलिसी को लेकर प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल!

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कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार से सवाल पूछने वाले अभियान “जिम्मेदार कौन” के तहत वैक्सीन उत्पादन के बाद अब केंद्र सरकार की वैक्सीन वितरण नीति पर सवाल खड़े किए हैं।

पंजाब केसरी पर छपी खबर के अनुसार, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार भारत की मात्र 3% जनसंख्या का फुल वैक्सीनेशन कर पाई है, जोकि सुरक्षा कवच तैयार करने वाले वैक्सीनेशन टारगेट से बहुत पीछे है।


उन्होंने कहा कि ये हैरान करने वाली बात है कि दूसरी लहर के कहर के समय जब मोदी सरकार को वैक्सीन वितरण की व्यवस्था की बागडोर और ज्यादा मजबूती से अपने हाथों में लेनी था, उस समय सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए वैक्सीन वितरण का दारोमदार राज्य सरकारों पर डाल दिया।


प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार ने अप्रैल तक लगभग 34 करोड़ वैक्सीनों का ऑर्डर ही दिया था। अभी की गति के अनुसार मई में प्रतिदिन औसतन मात्र 19 लाख लोगों को वैक्सीन लग रही है।

सरकार ने दिसंबर तक सबको वैक्सीन देने का दावा तो किया है, लेकिन इसके लिए प्रतिदिन 70-80 लाख वैक्सीन लगाने की कोई कार्ययोजना देश के लोगों के सामने नहीं रखी है।


एक देश और वैक्सीन के तीन अलग-अलग दाम क्यों?
प्रियंका गांधी ने वैक्सीन के तीन अलग-अलग दामों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि जब वैक्सीन देशवासियों को ही लगनी है तो ये भेदभाव क्यों।

क्यों एक देश और वैक्सीन के तीन अलग – अलग दाम। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार की वैक्सीन वितरण की दिशाहीनता पर भी सवाल उठाए हैं।


उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की दिशाहीन नीति के चलते कई राज्य वैक्सीनों के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने को मजबूर हुए।

आज Moderna, Pfizer जैसी कम्पनियों ने राज्यों से सीधे वैक्सीन की डील करने से मना कर दिया है और केंद्र से डील करने की बात कही है।

प्रियंका गांधी ने पूछा है कि आज आखिर क्यों ऐसी नौबत आई कि राज्य सरकारों को ग्लोबल टेंडर निकालकर आपस में ही प्रतिद्वंदिता करनी पड़ रही है।