क्या बिहार में ओवैसी की पार्टी AIMIM का बढ़ने लगा है जनाधार?

   

क्या बिहार में ओवैसी की पार्टी AIMIM का बढ़ने लगा है जनाधार। यह बात इसलिए उठने लगी है क्योंकि पहली बार किशनगंज सीट जीतकर राज्य में दस्तक दी है।

इस सीट को जीतकर ओवैसी की पार्टी ने इतिहास रच दिया है। बिहार के तकरीबन हर जिलों में AIMIM कार्यकर्ता इसे बड़ी कामयाबी मान रहे हैं और जश्न मना रहे हैं।

बिहार में कांग्रेस की पारंपरिक विधानसभा सीट रही किशनगंज पर भारतीय जनता पार्टी के कब्जा जमाने की कोशिशों को जबरदस्त झटका देते हुये ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने पहली बार आज इस क्षेत्र में जीत का परचम लहराया।

कमरुल होदा की जीत
डेली न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, राज्य निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम के कमरुल होदा ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की स्वीटी सिंह को 10204 मतों के भारी अंतर से पराजित कर दिया।

बीजेपी उम्मीदवार को दुसरा स्थान
कमरुल होदा ने कुल 70469 वोट हासिल किए, जबकि सिंह को 60265 मतों से ही संतोष करना पड़ा। इस दौरान मजेदार वाकया यह रहा कि कांग्रेस की पारंपरिक विधानसभा सीट माने जाने वाली किशनगंज के दो बार के विधायक एवं किशनगंज के वर्तमान सांसद डॉ. जावेद आजाद की मां एवं कांग्रेस प्रत्याशी सईदा बानो को महज 25285 वोट मिले।

पहले कांग्रेस का था दखल
इससे पूर्व वर्ष 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में किशनगंज सीट से कांग्रेस के टिकट पर डॉ. आजाद विजयी हुये थे। उल्लेखनीय है कि किशनगंज विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2015 के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. जावेद आजाद को जीत मिली थी।

लोकसभा चुनाव के बाद हुआ था खाली
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें किशनगंज लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। डॉ. जावेद के सासंद बनने के कारण किशनगंज विधानसभा सीट सीट खाली हुई थी।

जेडीयू की हार
वहीं, जदयू को बेलहर में हार का सामना करना पड़ा है। सिमरी बख्तियारपुर में राजद के जफर आलम को जीत मिली है। उन्होंने जदयू के अरुण कुमार को हराया।

यहां जेडीयू और आरजेडी दोनों हारी
दरौंदा में निर्दलीय प्रत्याशी कर्णजीत सिंह जीत गए हैं। यहां जदयू के अजय कुमार सिंह और राजद के उमेश सिंह को हार मिली है। बेलहर में राजद के रामदेव यादव को जीत मिली है।

यहां से जदयू उम्मीदवार लालधारी यादव को हार का सामना करना पड़ा। विधानसभा सीट बेलहर लोकसभा सीट बांका का हिस्सा है। 2015 के चुनाव में बेलहर से जदयू उम्मीदवार गिरिधारी यादव को जीत मिली थी।

2019 के चुनाव में जदयू ने गिरिधारी को बांका सीट से चुनावी मैदान में उतारा। गिरिधारी के लोकसभा का चुनाव जीतने के चलते बेलहर विधानसभा का सीट खाली हुआ।

नाथनगर में जदयू के लक्ष्मीकांत मंडल और राजद की राबिया खातून के बीच कड़ा मुकाबला है। लक्ष्मीकांत आगे चल रहे हैं। विधानसभा सीट नाथनगर लोकसभा क्षेत्र भागलपुर में आता है। 2015 के विधानसभा चुनाव में नाथनगर से जदयू उम्मीदवार अजय मंडल को जीत मिली थी।

2019 के लोकसभा चुनाव में अजय मंडल को भागलपुर से टिकट मिला। अजय के सांसद बनने के चलते सीट खाली हुई। सिमरी बख्तियारपुर में राजद के जफर आलम को जीत मिली है। उन्होंने जदयू के डॉ. अरुण कुमार को हराया।

सहरसा जिले में स्थित विधानसभा क्षेत्र सिमरी बख्तियारपुर लोकसभा क्षेत्र मधेपुरा का हिस्सा है। 2015 के चुनाव में सिमरी बख्तियारपुर से जदयू के दिनेश चंद्र यादव को जीत मिली थी। 2019 के चुनाव में दिनेश मधेपुरा से सांसद चुने गए। विधानसभा क्षेत्र दरौंदा लोकसभा क्षेत्र सीवान का हिस्सा है।

2015 में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू उम्मीदवार कविता सिंह को दरौंदा से जीत मिली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू ने कविता सिंह को सीवान से टिकट दिया और उन्हें जीत मिली।

उपचुनाव में जदयू ने यहां से कविता सिंह के पति अजय सिंह को टिकट दिया है। वहीं, राजद ने यहां से उमेश सिंह को मैदान में उतारा है। यहां लड़ाई कांटे की है। निर्दलीय उम्मीदवार कर्णजीत सिंह ऊर्फ व्यास सिंह आगे चल रहे हैं।