PM मोदी की रैली में भगदड़, 14 मिनट में ही खत्म किया भाषण

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नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर चल रही तीखी बहस के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को इस विवादास्पद कानून की जोरदार वकालत की और कहा कि यह उन लोगों के लिए इंसाफ और सम्मान लाएगा जिन्होंने धार्मिक अत्याचार झेला है। अपनी चुनावी लड़ाई को अपनी कठोर आलोचक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गढ़ में ले जाते हुए मोदी ने राज्य की सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस पर करारा प्रहार किया और उस पर भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया।

मोदी बोले घबरा गई हैं ममता

उन्होंने दावा किया कि वह (ममता) उनकी पार्टी को मिले लोगों के प्यार के कारण घबरा गई हैं। उन्होंने कहा, ”भारत को दो हिस्सों में बंटने के बाद आजादी मिली। लोगों ने सोचा कि वे अपनी पसंद के देश में जीवन यापन कर सकते हैं लेकिन हिंदुओं, सिखों, जैनों और पारसियों को…. सांप्रदायिक दुर्भावना के चलते अत्याचार और उत्पीड़न झेलना पड़ा।” मोदी ने कहा, ”यही कारण था कि हम नागरिकता विधेयक लाये। इन लोगों के पास जाने के लिए भारत के अलावा कोई और जगह नहीं है। क्या उन्हें इंसाफ और सम्मान नहीं दिया जाना चाहिए। मैं तृणमूल कांग्रेस से इस विधेयक का समर्थन करने और संसद में इसे पारित करने में सहयोग का आह्वान करता हूं।”

5 लोकसभा सीटों को प्रभावित कर सकता है मतुआ समुदाय

वह अनुसूचित जाति मतुआ समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मतुआ मूल रुप से पूर्ववर्ती पूर्वी पाकिस्तान के हैं। वे 1950 के दशक में खासकर धार्मिक अत्याचार के चलते पश्चिम बंगाल आने लगे। पश्चिम बंगाल में करीब 30 लाख की आबादी वाला यह मतुआ समुदाय उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना जिलों की कम से कम पांच लोकसभा सीटों के परिणाम को प्रभावित कर सकता है। लेकिन बताया जाता है कि उनमें से बहुतों को अबतक नागरिकता नहीं मिली है। आम चुनाव से महज कुछ ही महीने पहले मतुआ समुदाय के गढ़ में नागरिकता विधेयक का मोदी द्वारा जबर्दस्त बचाव करना भाजपा के लिए नया वोट आधार तैयार करना जान पड़ता है।

मतुआ महासंघ की रैली में प्रधानमंत्री का भाषण ऐसे समय में हुआ है जब कुछ ही दिन पहले पूर्वोत्तर के दस राजनीतिक दलों (जिनमें से ज्यादातर भाजपा की अगुवाई वाले पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन के घटक हैं) और जदयू (यह बिहार में भाजपा का अहम घटक है) ने इस विधेयक का विरोध करने का निर्णय लिया है और इसे स्थानीय लोगों के हितों के विरुद्ध बताया है।

रैली में उत्पन्न हुई भगदड़ जैसी स्थिति

खचाखच भरी रैली में मोदी ने बनर्जी और तृणमूल पर भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं समझ सकता हूं कि क्यों दीदी (बनर्जी) और उनकी पार्टी हिंसा, निर्दोष लोगों की हत्या में शामिल है। वह हमारे लिए आपके प्यार से घबरा गई हैं।” जब मोदी संबोधित कर रहे थे तब आयोजन स्थल के बाहर खड़े उनके सैकड़ों समर्थकों ने रैली ग्राउंड के अंदरुनी हिस्से में आने की कोशिश की जिससे भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी।

14 मिनट में खत्म किया भाषण

मोदी ने उन लोगों से अपनी ही जगह पर बने रहने और आगे आने की कोशिश नहीं करने का आह्वान कर भीड़ को शांत करने का प्रयास किया। लेकिन उनके आग्रह का कोई असर नहीं पड़ा एवं समर्थक मंच के सामने खाली जगह में कुर्सियां फेंकने लगे ताकि अंदरुनी हिस्से में जगह बन पाए जबकि यह जगह महिला समर्थकों के लिए निर्धारित थी। इस हो-हल्ला के बाद मोदी ने अचानक यह कहते हुए अपना भाषण 14 मिनट में ही बंद कर दिया कि उन्हें दूसरी रैली में जाना है।