अमेरिका ने फाइजर की वैक्सीन को इमरजेंसी के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति दी!

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दुनिया में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा जूझ रहे अमेरिका में इस घातक वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने फाइजर वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रिपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ी घोषणा की।

उन्होंने कहा कि अमेरिका में 24 घंटे से भी कम समय में वैक्सीन की पहली डोज दी जाएगी। बता दें कि अमेरिका में कोरोना महामारी से दो लाख 95 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिकी कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने संयुक्त रूप से वैक्सीन विकसित की है।

कंपनी का दावा है कि उसकी वैक्सीन 95 फीसद कारगर है। इसकी वैक्सीन को ब्रिटेन, बहरीन, सऊदी अरब और कनाडा में मंजूरी मिल चुकी है। ब्रिटेन में गत मंगलवार से बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू किया गया।

एफडीए ने कहा कि टीका 16 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को दिया जा सकता है। 2.9 मिलियन खुराक के पहले चरण में प्रमुखतौर पर स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्ग लोगों को टीका लगाया जाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन का उत्पादन करने वाला अमेरिका दुनिया का पहला देश है। आज की उपलब्धि अमेरिका की असीमित क्षमता की याद दिलाती है।

ट्रंप ने यह भी कहा कि हमने केवल नौ महीनों में एक सुरक्षित और प्रभावी टीका दिया है। यह इतिहास की सबसे बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धियों में से एक है।

यह लाखों लोगों की जान बचाएगा और जल्द ही महामारी को खत्म करेगा। उन्हें यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि यह टीका सभी अमेरिकियों के लिए मुफ्त होगा।

उन्होंने आगे कहा कि उनके प्रशासन ने देश में हर राज्य को वैक्सीन देना शुरू कर दिया है।

गुरुवार को एफडीए की सलाहकार समिति की बैठक में चार के मुकाबले 17 मतों से फाइजर की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की सिफारिश की गई थी।

वैक्सीन पर गठित इस समिति में स्वतंत्र विज्ञानियों, शोधकर्ताओं और संक्रामक रोग विशेषषज्ञों और सांख्यिकीविदों को शामिल किया गया है।