रायगंज से उम्मीदवार मोहम्मद सलीम: इनकी लड़ाई नफ़रत और लूट के खिलाफ़ है!

,

   

“मैं कतरा हूँ। मैं कतरा हो कर भी तूफ़ान से टकराता हूँ…
पर समुन्दर की ज़िम्मेदारी है मुझे हिफाज़त करे। “

जो 5 साल मुझे संसद में रायगंज के लोगों की नुमाइंदगी करने का मौका मिला, मैंने अपने काम से आम जनता के हित में विकास करने कोशिश की, ख़ासकर पिछड़े वर्ग के लोगों की सेवा करने की।


एक तरफ़ संसद के अंदर बुलंदी के साथ छात्र, मज़दूर, किसान और बेरोज़गार युवाओं की बात, साम्प्रदायिक और जनविरोधी सरकार से पीड़ित जनजाति के लोगों की बात रखने की कोशिश की, तो दूसरे तरफ़ संसद के बाहर आम जनता के अधिकारों पर हमले करने वाले, समाज को जोड़ने के बजाय तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों का सामना किया और शिकस्त दी।

आज चुनावी लड़ाई के दौरान रायगंज के अंदर और बाहर हर समुदाय, हर भाषा, हर धर्म और हर श्रेणी के लोगों का अभिवादन, समर्थन और प्यार मुझे हौसला दे रहा है।

लेकिन तृणमूल अपने लूट का पैसा और भाजपा अपने चहीते कॉर्पोरेट अरबपतियों का काला धन जनादेश को खरीदने के मक़सद से इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके ख़िलाफ़ लड़ने के लिए हमें आपकी मदद की ज़रुरत है। आप सबसे मेरा अपील है कि जो जितना भी मुमकिन हो, अपने क्षमता के हिसाब से कितनी भी राशी हमारे चुनावी कोष में भेजें।

अगर आप मुझे संसद में भेजना चाहते हैं, भाजपा-तृणमूल जैसे जनविरोधी ताकतों के ख़िलाफ़ हमारे संघर्ष का समर्थन करते हैं और देशहित में स्वस्थ, रचनात्मक राजनीति का समर्थन करते हैं, तो आप आर्थिक सहयोग करके हमारा संघर्ष को और मज़बूत बनाएं।

साभार- ‘आवर डेमोक्रेसी’ (https://www.ourdemocracy.in/Campaign/salimdotcomrade)