वैज़ाग स्टील प्लांट के निजीकरण के खिलाफ़ श्रमिक संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन!

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वैजाग स्टील प्लांट के निजीकरण किये जाने के केंद्र सरकार के फैसले का श्रमिक संगठनों ने विरोध किया है।

साक्षी समाचार पर छपी खबर के अनुसार, संगठन के नेताओं ने केंद्र सरकार के फैसले की निंदा की और कहा कि केंद्र सरकार के षड्यंत्र को कभी भी साकार नहीं होने दिया जाएगा।

मान्यता प्राप्त कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जे अयोध्या राम ने कहा कि इस्पात संयंत्र को निजी व्यक्तियों को सौंपने की केंद्र की साजिश को विफल करेंगे।

भविष्य में किये जाने वाले संघर्ष के लिए सभी मजदूर वर्ग को संगठित किया जाएगा। स्टील प्लांट की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार के आंदोलन के लिए तैयार हैं।

स्टील प्लांट के एआईटीयूसी के महासचिव डी आदिनारायण ने कहा कि अनेक लोगों के बलिदान के बाद स्टील प्लांट स्थापित हुआ है।

उनके बलिदानों को कभी भी व्यर्थ नहीं होने दिया जाएगा। सभी वर्गों के समर्थन से विशाखा स्टील प्लांट की रक्षा करेंगे।

स्टील प्लांट के वाईएसआर टीयूसी के महासचिव वाई मस्तानन्ना ने कहा कि इस्पात संयंत्र की सुरक्षा के लिए नेताओं से मिलेंगे और उनके समर्थन से केंद्र पर दबाव डालेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि दिवंगत मुख्यमंक्षी वाईएस राजशेखर रेड्डी की वजह से ही स्टील प्लांट साकार हो पाया है।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने स्टील प्लांट का 100 फीसदी हिस्सा बेचने का फैसला लिया है। इसके अलावा केंद्र ने राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड से भी अलग होने का निर्णय लिया है।

साथ ही स्टील प्लांट प्रबंधन की जिम्मेदारियों से भी पूरी तरह से हटने का फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल इकोनॉमिक अफेयर्स ने औपचारिक रूप से इसे मंजूरी दी है।

इस समय विशाखापट्टणम स्टील प्लांट में 18,000 स्थायी और 20,000 ठेका कर्मचारी हैं। यह प्लांट लगभग 22,000 एकड़ में फैला है।

साल 2002 से 2015 तक अच्छे लाभ में था। इसके बाद 2015 से 2018 तक नुकसान होना आरंभ हुआ। साल 2018-19 में 97 करोड़ रुपये का लाभ कमाया। मगर इसके बाद फिर से बड़े नुकसान में चला गया।