दुनिया के सबसे बड़े फैंसी ज्वलंत बैंगनी-गुलाबी और रूस से आंतरिक रूप से निर्दोष हीरे 11 नवंबर को सोथबी के जिनेवा शानदार ज्वेल्स और नोबल ज्वेल्स की नीलामी में बेचा जाएगा, मीडिया ने सोमवार को सूचना दी।
हीरे को लेकर दुनियाभर के लोग दीवाने हैं। मुंह मांगी कीमत में अरबपति डायमंड खरीदने के लिए तैयार रहते हैं। उन लोगों के लिए खुशखबरी है जो डायमंड खरीदने के शौकीन हैं। जल्द ही दुनिया के सबसे बड़े फैंसी और अत्यंत दुर्लभ ज्वलंत पर्पल-पिंक डायमंड की नीलामी होने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोथबी के जेनेवा मैग्नीफिशेंट ज्वेल्स और नोबल ज्वेल्स पर 11 नवंबर को हीरे की नीलामी की जाएगी।
An extremely rare, vivid purple-pink diamond mined in Russia is expected to fetch up to $38 million when it goes under the hammer on November 11 at Sotheby's auction house https://t.co/ZylG5s9UUT pic.twitter.com/cg0ypJ1XvW
— Reuters (@Reuters) October 13, 2020
फोर्ब्स के मुताबिक 14.83 कैरेट के इस हीरे का नाम ‘द स्पिरिट ऑफ द रोज’ है, जिसे 23-38 मिलियन यानी, 20 लाख 30 हजार से 30 लाख 80 हजार रुपये तक की कीमत पर नीलाम किया जा सकता है।
जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका ने हीरे को उच्चतम रंग और स्पष्टता के साथ वर्गीकृत करते हुए इसे टाइप IIa के रूप में ग्रेड किया है, जो कि हीरे का सबसे शुद्ध क्रिस्टल है। मीडिया आउटलेट्स ने सोथबी के आभूषण विभाग के लिए मैग्नीफिशेंट ज्वेलरी बिक्री के निदेशक बेनोइट रेपेलिन के हवाले से कहा, ‘यह नीलामी अलरोसा और सोथबी के बीच लंबे समय के रिश्ते का परिणाम है, इस मास्टरपीस के बारे में कई महीनों की चर्चा के बाद इसे नीलाम करने का यह अच्छा तरीका है।’
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, ओवल के आकार का यह रत्न 27.85 कैरेट के स्पष्ट गुलाबी खुरदरे हीरे से बनाया गया था।
इसकी खोज रूस के पूर्वोत्तर सखा गणराज्य में रूसी खनन की दिग्गज कंपनी अलरोसा की खान में हुई थी।
हीरे का नाम रूसी बैले के नाम पर ‘द स्पिरिट ऑफ द रोज’ रखा गया था, जिसका मंचन सर्गेई डायगिलेव द्वारा किया गया और 19 अप्रैल, 1911 को इसका प्रीमियर किया गया था।