क्या यमन ज़ंग में सऊदी अरब की सेनाओं की लगातार हो रही है मौत?

   

एक ओर जहां ग़रीब इस्लामी देश यमन पर थोपे गए आले सऊद के युद्ध को चार साल बीत गए लेकिन इसके बावजूद युद्ध से पहले सऊदी अरब द्वारा किए गए बड़े-बड़े दावे और यमन पर किए गए हमलों के पीछे उसके उद्देश्यों में से एक भी अभी तक पूरा नहीं हो सका है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों की दिन-रात बढ़ती ताक़त और रक्षा शक्ति के आगे सऊदी गठबंधन घुटने टेकने पर मजबूर होता जा रहा है और हर दिन सऊदी अरब के मरने वाले सैनिकों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है।

इन सबको देखते हुए ऐसा लगता है कि जहां सऊदी अरब ने युद्ध के आरंभ से ही अब तक अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों को हथियारों का ठेका दे रखा है वहीं मौत के घाट उतरते सऊदी सैनिकों की संख्या से अब ताबूतों की कमी पड़ने लगी है। अब देखना है कि इन ताबूतों की पूर्ति के लिए सऊदी अरब किसको ठेका देता है!