कोरोना संकट- यूपी सरकार ने मस्जिदों के नाम पर लखनऊ में हॉटस्पॉट इलाकों के नाम रखे, उठे सवाल

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कोरोना वायरस का खतरा देश में अभी भी बरकरार है। तकरीबन डेढ़ महीने के लॉकडाउन के बाद सरकार 4 मई से अलग-अलग जोन में छूट देने जा रही है। इस बीच यूपी सरकार इन जोन के नाम को लेकर विवादों में घिर गई है। दरअसल उत्तर प्रदेश प्रशासन ने लखनऊ में 18 इलाकों को हॉटस्पॉट घोषित किया है। इन सभी के नाम मस्जिद के नाम पर किए गए हैं, जिसकी वजह से मुस्लिम समुदाय में इसका विरोध हो रहा है। तमाम विपक्षी दल भी इस नामकरण का विरोध कर रहे हैं। इनका आरोप है कि प्रशासन बीमारी को सांप्रदायिक रंग दे रहा है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मुखिया अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकार को बीमारी से लड़ने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जहां पर संक्रमण के मामले अधिक हैं, वहां पर अधिक ध्यान देना चाहिए। लेकिन सरकार संक्रमण के आंकड़ों को धर्मविशेष से जोड़ रही है और लोगों का ध्यान भटका रही है। यह पक्षपातपूर्ण व्यवहार है। हालांकि प्रशासन ने इस तरह के किसी भी रवैये से इनकार किया है।

प्रशासन का कहना है कि उसने किसी भी धर्म या संप्रदाय को निशाना नहीं बनाया है। मस्जिदों का नाम सिर्फ इसलिए लिया गया है क्योंकि यहां पर संक्रमण के मामले अधिक हैं। तमाम मस्जिदों के नाम पर हॉटस्पॉट लखनऊ में जिन इलाकों को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है उसमे सदर बाजार का मस्जिद अलीज जान इलाका है।

इसी तरह से वजीरगंज में मोहम्मदिया मस्जिद इलाका, त्रिवेणी नगर में खजूर वाली मस्जिद इलाका, फूलबाग में नजरबाद मस्जिद के आसपास का इलाका हॉटस्पॉट है। सपा की वरिष्ठ नेता जूही सिंह का कहना है कि हमे इन सब से धर्म को अलग रखना चाहिए। स्थिति काफी खराब है, ऐसे में इसे और खराब नहीं करना चाहिए। मस्जिदों के नाम से हॉटस्पॉट जगहों का नामकरण करके सरकार अपने ही काम को खराब कर रही है। यह समाज को बांटने वाला कदम है।

सदर में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित बता दें कि सदर बाजार में 12 लोग जो सहारनपुर से आए थे, वह कसाईबाड़ा के पास मस्जिद में इकट्ठा हुए थे, ये सभी लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। मस्जिद अली जान इलाके में 95 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, यह इलाका भी सदर बाजार में है। बता दें कि सदर बाजार इलाके को सील कर दिया गया है और यहां जरूरी सामान सरकार द्वारा पहुंचाए जा रहे हैं।