Editorial

यह लड़ाई आवारा पशुओं और किसान की नहीं

वेस्टर्न यूपी में खेतों और सड़कों पर घुमते आवारा पशुओं और अपनी फसल को बचाने में लगे किसानों के बीच एक जंग छिड़ी हुई है. राज्य में जो सरकार किसानों

आर्थिक आरक्षण: सरासरा फर्जीवाड़ा?

सवर्णों के लिए आर्थिक आरक्षण के विधेयक को संसद के दोनों सदनों ने प्रचंड बहुमत से पारित कर दिया है। आरक्षण का आधार यदि आर्थिक है तो उसे मेरा पूरा

अपने-अपने भ्रष्टाचारी

सीबीआई, सवर्णों का आर्थिक आरक्षण और अध्योध्या विवाद- इन तीनों मसलों पर गौर करें तो हम किस नतीजे पर पहुंचेंगे ? सरकार, संसद, सर्वोच्च न्यायपालिका और विपक्ष — सबकी इज्जत

अगड़ों के लिए आरक्षण का नया झनझना

मोदी सरकार ने सामान्य श्रेणी में आने वाली अगड़ी जातियों-समुदायों के आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला ऐसे वक़्त लिया है,

राजनीति केवल अंकगणित नहीं : सपा-बसपा का गठबंधन 2019 के लिए क्यों अहम है

नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उत्तर प्रदेश में गठबंधन 2019 के चुनाव की प्रकृति को बदल सकता है। यह देखना मुश्किल नहीं है क्योंकि दिल्ली

धार्मिक ध्रुवीकरण हिंदुत्व के अस्थायी मतदाता को बहुत पसंद नहीं! बीजेपी इसे अपने तरफ करने की कोशिश में

नई दिल्ली : छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अपने चुनावी असफलताओं के बाद, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 2019 में वापस सत्ता में आने के तरीकों की तलाश कर रही

आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण न्यायिक समीक्षा में पास क्यों नहीं हो सकता

नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 में अपनी पारी की शुरुआत एक संवैधानिक संशोधन के साथ की थी जिसमें सरकार ने न्यायाधीशों की नियुक्ति में अहम भूमिका निभाई

पड़ौसी देशों के हिंदुओं का स्वागत

लोकसभा ने कल एक बहुत ही विवादास्पद मुद्दे पर विधेयक पारित कर दिया। इस नागरिकता विधेयक का मूल उद्देश्य पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम लोगों को भारतीय नागरिकता देना

क्यों मुसलमानों को दुनिया भर की यात्रा करनी चाहिए, जानें 9 कारण

हमें सबसे बड़ा पछतावा तब होता है जब हम बूढ़े हो जाते हैं, क्योंकि हम युवा होने पर पर्याप्त यात्रा नहीं करते थे, जब हमारे पास स्वास्थ्य और खाली समय

उनका भी रोना रो लें……

एक मित्र ने अपने एक नये रिश्तेदार की तारीफ करते हुए बताया कि हाल ही में जब उनकी नई बहू की परीक्षाएँ हुईं तो उन्होंने(श्वसुर ने) अपने काम से छुट्टी

‘मेरा भगवान इतना कमजोर नहीं है कि उसके पूजा घर को शुद्धिकरण की जरूरत है’

कुछ दक्षिणपंथी कट्टरपंथी मुझे जबरदस्ती और कट्टरपंथी संदेश भेजते रहे हैं कि मुझे खड़ा होना चाहिए और उन लोगों में गिना जाना चाहिए जिन्होंने यह स्वीकार किया है कि सबरीमाला में

सबरीमाला में घुसना कोई जीत नहीं है। मासिक धर्म!

मासिक धर्म लोगों को इतना क्यों डराता है? यह सब ‘छी’ बकवास क्या है? किसी ने मासिक धर्म वाली महिला को ‘अशुद्ध’ या ‘अशुद्ध’ घोषित करने की हिम्मत कैसे की?

प्रोफेसर राम पूनियानी: धार्मिक स्वतंत्रता और सार्वजनिक स्थानों पर नमाज़

भारत एक बहुवादी देश है, जहां विभिन्न धर्म फलते-फूलते रहे हैं। मुसलमान, भारत की धरती पर पिछली लगभग 12 सदियों से रह रहे हैं और वे देश का दूसरा सबसे

ट्रंप का फिजूल भारत पर भारी होना

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गज़ब के गैर-जिम्मेदार आदमी हैं। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान में भारत की भूमिका के बारे में जो कुछ कहा है, वह

काम तो बहुत किया, कमाई नहीं कर सका: अमीन सयानी

1952 के दौर में देश में रेडियो की पहुंच बहुत कम थी। तब रेडियो सिलोन से अमीन सयानी को ‘बिनाका गीतमाला’ प्रस्तुत करते हुए जैसी लोकप्रियता मिली, वैसी देश में

यूपी की गोवंश नीति

उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में गोशालाएं बनाने के लिए गौ कल्याण उपकर (सेस) लगाने का फैसला किया है। इसके तहत 0.5 प्रतिशत सेसशराब के अलावा उन सभी वस्तुओं पर लगेगा जो उत्पाद

क्या मोदी-शाह पर गडकरी का हमला के लिए आरएसएस का आशीर्वाद है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में एक शक्तिशाली मंत्री, नितिन गडकरी, मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को शर्मसार कर रहे हैं, क्योंकि पार्टी तीन राज्यों में

सवाल तगड़े, जवाब ढीले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक समाचार समिति को लंबा इंटरव्यू दिया, यह अपने आप में खबर है। जिस प्रधानमंत्री ने साढ़े चार साल में एक भी पत्रकार परिषद नहीं की,

2019 चुनावों में नरेंद्र मोदी के सत्ता में लौटने की संभावना 50-50 : मुश्किल दिन फिर से

2019 की पहली छमाही में मीडिया विश्लेषण मई में आने वाले आम चुनाव पर ध्यान केंद्रित करने जा रहा है, अपवाद को छोड़ लगभग सभी चीजों के लिए। क्या नरेंद्र

बांग्लादेशः हसीना को दिल दिया

बांग्लादेश में एक बेगम की पार्टी को 300 में से 287 सीटें मिल गईं और दूसरी बेगम की पार्टी को मुश्किल से छह सीटें मिलीं। पहली बेगम शेख हसीना वाजिद